पुणे

Published: Sep 15, 2021 06:19 PM IST

Politicsएमिनिटी स्पेस का विवाद कायम, NCP ने भाजपा पर लगाया गलतियां छिपाने का आरोप

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पुणे. एमिनिटी स्पेस (Aminity Space) को लेकर पुणे महानगरपालिका में (Pune Municipal Corporation) जारी सियासी घमासान कायम है। इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के शहराध्यक्ष प्रशांत जगताप (Prashant Jagtap) ने कहा कि प्रॉपर्टीज का बकाया जिनके पास है, भले वह कोई भी हो, उनसे प्रशासन द्वारा वसूली की जाए, यह हमारी भूमिका है। किसी भी स्थिति में महानगरपालिका की एमेनिटी स्पेस की बिक्री नहीं की जाए, इसकी बिक्री को हमारा विरोध ही रहेगा। उन्होंने यह आरोप लगाया है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (BJP State President Chandrakant Patil) उनके पदाधिकारियों की गलतियां छिपाने के लिए पर आरोप लगाकर प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं।

प्रशांत जगताप ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों के भाजपा सत्ता कार्यकाल में भ्रष्टाचार बढ़ा है, उसका जवाब भाजपा को देना चाहिए। 185 में से 74 एमेनिटी स्पेस चंद्रकांत पाटिल के कोथरूड विधानसभा क्षेत्र की है। उनकी बिक्री कर वहां क्या बनाया जाएगा? यह स्पष्ट करना चाहिए। केवल महानगरपालिका के पास रुपए नहीं, इसलिए एमेनिटी स्पेस की बिक्री करने का समर्थन कर चंद्रकांत पाटिल अपने पदाधिकारियों की गलतियां छिपाने का बेबस प्रयास कर रहे हैं। पुणे महानगरपालिका के पास 2200 करोड़ रुपए के डिपॉजिट हैं। इनमें से एक हजार करोड़ रुपए खर्च कर पुणेवासियों को अपेक्षा के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराना संभव है। उसके बजाय केवल विपक्षी दलों पर आरोप कर सत्ताधारी भ्रमित कर रहे हैं।

 इसका जवाब देवेंद्र फडणवीस से मांगना ज्यादा उचित होगा

भाजपा के सत्ता कार्यकाल में सप्ताह भर 24 घंटे जलापूर्ति, कात्रज-कोंढवा रोड जैसी बड़ी परियोजनाओं में हजारों करोड़ रुपयों का भ्रष्टाचार रोकने के लिए एनसीपी सहित विपक्षी दलों ने आवाज उठाई, यह पाटिल को ध्यान में रखना होगा। महानगरपालिका की प्रॉपर्टीज का रजिस्ट्रेशन जिन जनप्रतिनिधियों के कब्जे में है, उनसे महानगरपालिका द्वारा बकाया वसूला जाए, यह राष्ट्रवादी पार्टी की भूमिका है। इसमें कोई दोहरी राय नहीं है। महाविकास आघाड़ी के सत्ता कार्यकाल में एमेनिटी स्पेस की सीमा 15 प्रतिशत से 5 प्रतिशत की गई। इस पर प्रशांत जगताप ने कहा कि यूनिफाइड डीसी रूल्स जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे, उस वक्त फाइनल किए गए हैं। एमेनिटी स्पेस की सीमा कम क्यों की? इसका जवाब देवेंद्र फडणवीस से मांगना ज्यादा उचित होगा, यह टिप्पणी भी उन्होंने की।