पुणे

Published: Mar 04, 2022 03:11 PM IST

Corporator Maya Barneपिंपरी में बीजेपी को एक और झटका, नगरसेविका माया बारणे ने दिया इस्तीफा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पिंपरी: बीते दिन महिला प्रशिक्षण योजना में 57 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करनेवाली बीजेपी (BJP) की नगरसेविका माया बारणे (Corporator Maya Barne) ने शुक्रवार को नगरसेवक (Corporator) पद से इस्तीफा (Resigns) दे दिया। हालांकि चंद दिनों पहले उनके पति और पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका के पूर्व नेता प्रतिपक्ष संतोष बारणे के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से उनका भी भाजपा त्यागना लाजिमी था, मगर ऐन चुनाव के मुहाने सत्ताधारी बीजेपी को लगा यह चौथा बड़ा झटका है। भाजपा नगरसेवकों में शुरू हुआ ‘लीकेज’ कहीं थमने का नाम नहीं ले रहा है।

माया बारणे ने महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल को अपने नगरसेवक पद का इस्तीफा सौंपा। वह इस्तीफा देनेवाली बीजेपी की चौथी नगरसेविका है। इससे पहले मोशी के नगरसेवक वसंत बोराटे, पिंपले गुरव की नगरसेविका चंदा लोखंडे, पिंपले निलख के नगरसेवक तुषार कामठे ने इस्तीफा दिया है। इनमें से बोराटे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो चुके हैं। स्थानीय नेताओं और पदाधिकारियों की मनमाने और भ्रष्ट प्रबंधन और कामकाज से नाराज होकर बीजेपी त्यागने वाले नगरसेवकों का आंकड़ा 25 के आसपास बताया जा रहा है। सियासी जानकारों के अनुसार 13 मार्च को नगरसेवकों का कार्यकाल खत्म होते ही बीजेपी से जारी ‘आउटगोइंग’ तेज हो जाएगी।

पति भी कुछ दिनों पहले एनसीपी में हुए शामिल 

माया बारणे थेरगांव प्रभाग क्रमांक 24 से बीजेपी की टिकट पर नगरसेविका चुनी गई हैं। इससे पहले वह 2012 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से नगरसेविका चुनी गई थी। उससे पहले उनके पति संतोष बारणे कांग्रेस की ओर से नगरसेवक चुने गए थे। उन्होंने महानगरपालिका में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई है। हाल ही में संतोष बारणे बीजेपी को छोड़ एनसीपी में शामिल हो गए है। बीजेपी में शामिल होने के बाद पांच साल तक माया बारणे को वरिष्ठता के आधार पर कोई अहम पद नहीं दिया गया, इससे वह पार्टी से नाराज चल रही थी। उन्होंने सत्तादल से जुड़े रहने के बावजूद भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किए जिनमें बीजेपी नेताओं की मिलीभगत का भी आरोप लगाया गया। एक दिन पहले ही उन्होंने महिलाओं को विभिन्न प्रशिक्षण देनेवाली योजना में 57 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था। आज उन्होंने बीजेपी के स्थानीय नेताओं और पदाधिकारियों की मनमाने और भ्रष्ट प्रबंधन से नाराज होकर इस्तीफा देने की बात कही है।