पुणे

Published: Feb 14, 2022 04:15 PM IST

Pune RTOपिंपरी में बाबा कांबले का आरोप, कहा- केंद्र सरकार ओला, उबर और पूंजीवादी कंपनियों का कर रही है समर्थन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पिंपरी : ओला, उबेर जैसी कंपनियों की अवैध दोपहिया सवारी सेवा बंद  करने समेत विभिन्न मांगों के लिए पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) के ऑटो रिक्शा चालकों (Auto Rickshaw Drivers) ने सोमवार को पुणे आरटीओ (Pune RTO) के समक्ष आंदोलन किया। इसमें महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत के संस्थापक अध्यक्ष बाबा कांबले ने कहा कि, सरकार के पास लंबित रहे रिक्शा चालकों के मुद्दे को सुलझाने के बजाय राज्य और केंद्र सरकारें इसे और बढ़ाने का काम कर रही हैं। सरकार ने अवैध रूप से दोपहिया वाहन लाकर रिक्शा चालकों की परेशानी और बढ़ा दी है। बाबा कांबले ने तिपहिया सरकार पर रिक्शा चालकों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि केंद्र सरकार ओला, उबर और पूंजीवादी कंपनियों का समर्थन कर रही है। 

बाबा कांबले ने आगे कहा कि पिंपरी-चिंचवड़ पुणे शहर में अवैध रूप से दोपहिया सवारी वाहन शुरू किए गए हैं और ओला उबर के इस अवैध ऐप ने रिक्शा कारोबार को काफी हद तक प्रभावित किया है। रिक्शा चालक भूखे मर रहे हैं। इससे रिक्शा चालकों में भारी रोष है। इसके विरोध में कुछ संगठनों ने रिक्शा पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया, लेकिन यह बहुत गलत है। कोविड के कारण पहले से ही परेशान और थके हुए रिक्शा चालकों का आर्थिक गणित बिगड़ गया है। रिक्शा चालक किश्तों से थक चुके हैं और उनके लिए किश्त चुकाना मुश्किल हो गया है। रिक्शा चालक जीवन यापन कैसे करें, बच्चों की शिक्षा, स्कूल की फीस, कॉलेज की फीस जैसे कई मुद्दों से त्रस्त हैं।  ऐसे में रिक्शा रोकने से उन्हें आर्थिक नुकसान होगा।

केंद्र और राज्य सरकारें गरीबों को एक दूसरे से लड़ा रही हैं और बड़े पूंजीपतियों और  उद्यमियों की मदद कर रही है। रिक्शा चालकों के साथ अन्याय हो रहा है।  इससे अवैध बाइकों पर रोक लगनी चाहिए। रिक्शा चालक कल्याण बोर्ड की स्थापना की जानी चाहिए।  बढ़ा हुआ जुर्माना समाप्त किया जाए। फ्री रिक्शा का लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए। बाबा कांबले ने कहा कि अन्य मांगों को लेकर आंदोलन किया गया। कई इलाकों में रिक्शा चालकों के साथ मारपीट की घटनाएं भी हो चुकी हैं। बाबा कांबले ने कहा कि वह इस बदमाशी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। बाबा कांबले ने यह भी चेतावनी दी कि यदि रिक्शा चालकों की समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। सुबह 10 बजे पिंपरी स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक पर माल्यार्पण करने के बाद यह आंदोलन शुरू किया गया। इस मौके पर बालासाहेब ढवले, लक्ष्मण शेलार, अनिल शिरसाट, रविंद्र लंके, संजय दौंडकर, धनंजय कुदले, जाफर शेख, तुषार लोंढे, सुरेश सोनवणे, अविनाश जोगदंड, दीपक कुसलकर, प्रदीप आहिरे आदि उपस्थित थे।