पुणे

Published: Nov 19, 2021 06:08 PM IST

Dapodi SRA Projectअंततः रद्द हुआ दापोडी का एसआरए प्रोजेक्ट

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पिंपरी:  दापोडी (Dapodi ) में नियोजित एसआरए परियोजना (SRA Project) को रद्द करने का निर्णय पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) की आम सभा में पारित किया गया। यह स्थानीय नागरिकों की एकता की जीत है। प्रशासन से नागरिक परियोजनाओं को लागू करते समय कानून का पालन करने की अपेक्षा की जाती है। देखने में आया कि प्रशासन और अधिकारी ऐसे निर्णय ले रहे हैं जिससे जनहित की अनदेखी कर ठेकेदारों को लाभ होगा। मावल के सांसद होने के नाते इस परियोजना से प्रभावित नागरिकों के हितों की देखभाल करना मेरा कर्तव्य है। इसलिए हमनें दापोड़ी एसआरए (Dapodi SRA) के खिलाफ संयुक्त कृति समिति की ओर से आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन के बाद महानगरपालिका प्रशासन जाग गया और परियोजना को स्थायी रूप से रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया गया। यह जानकारी मावल के सांसद श्रीरंग बारणे (MP Shrirang Barne) ने दी। 

सांसद श्रीरंग बारणे के नेतृत्व दापोडी एसआरए विरोधी संयुक्त कृति समिति की ओर से 13 नवंबर को प्रेस कांफ्रेंस के बाद 15 नवंबर को महानगरपालिका पर यलगार महामोर्चा निकाला गया। इसके बाद गुरुवार 18 नवंबर को महानगरपालिका की आम सभा में बहुमत से प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। प्रस्ताव पारित होने से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर स्मारक पर माल्यार्पण कर आनंदोत्सव मनाया गया। इस मौके पर रिपब्लिकन यूथ फ्रंट के नेता राहुल डंबाले, पूर्व पार्षद सनी ओव्हाल, रमा ओव्हाल, विनय शिंदे, गोपाल मोरे, वेशनराम चौधरी, संजय भिंगरदिवे, जन्नत सैय्यद, मनोज उप्पर, वामन कांबले, श्रीमंत शिंदे, सुरेश कांबले, कमलेश पिल्ले, ज्ञानेश्वर वैकर, दिलीप निकलजे सुरेखा जोशी, सिंकदर सूर्यवंशी, प्रमोद गायकवाड़, अजय पाटिल, राकेश तारू, अजय थोम्ब्रे, इमाम शेख, जाकिर शेख, सुप्रिया कटे, सुखदेव सोनवणे, नवनाथ डांगे, बालसो जगदाले आदि मौजूद थे। 

संकल्प और एकता की जीत 

दापोडी एसआरए विरोधी संयुक्त कृति समिति के समन्वयक राहुल डंबाले ने कहा कि आम सभा ने जयभीम नगर, सिद्धार्थ नगर, गुलाब नगर, महात्मा फुले नगर, लिम्बोर चॉल और दापोडी में 6800 घरों के लिए 1757 करोड़ रुपए की पीसीएसएसआईएचडीपी पुनर्वास परियोजना को रद्द करने की योजना को मंजूरी दी है। यह जीत पिछले सप्ताह सांसद श्रीरंग बारणे के मार्गदर्शन में इस मुद्दे पर यलगार मार्च में लोगों द्वारा दिखाई गई एकता के कारण है। दापोडिकर के संकल्प औऱ एकता की जीत है। नतीजतन, इस परियोजना से प्रभावित लोगों पर लटकती खतरे की तलवार अब हटा दी गई है, इसलिए वे खुश हैं। हम मावल लोकसभा सांसद श्रीरंग बारणे और सभी नगरसेवकों के साथ-साथ प्रशासन के भी आभारी हैं।