पुणे

Published: Feb 01, 2022 06:30 PM IST

Municipal Elections 2022अंततः जारी हुआ पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका की वार्ड संरचना का मसौदा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
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पिंपरी: बहुप्रतीक्षित पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के आम चुनाव के लिए वार्ड संरचना की घोषणा की गई। यह वार्ड संरचना जहां उम्मीद के मुताबिक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अनुकूल है, वहीं शिवसेना (Shiv Sena) के लिए भी सुविधाजनक है। हालांकि, कांग्रेस (Congress) के लिए वार्ड संरचना बिल्कुल राहतभरी नहीं है। सत्तादल भाजपा के कई दिग्गजों का राजनीतिक भविष्य खतरे में है क्योंकि उनके मौजूदा वार्ड में काफी ‘तोड़फोड़’ हैं। जानकारों की मानें तो नई वार्ड संरचना कई पूर्व नगरसेवकों के लिए महानगरपालिका का दरवाजा फिर से खुल जायेगा। 

पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका के नगरसेवकों के पांच साल का कार्यकाल 13 मार्च को समाप्त हो रहा है।  वार्ड गठन में देरी, कोरोना की तीसरी लहर और ओबीसी आरक्षण की वजह से चुनाव टाले जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, उम्मीदवारों के साथ-साथ मौजूदा नगरसेवकों के राजनीतिक भविष्य को तय करने वाले मसौदा वार्ड संरचना की घोषणा की गई। 

वार्डों के नक्शे और शामिल किए गए हिस्सों को देखकर उम्मीदवार भी दंग 

वार्डों के नक्शे और शामिल किए गए हिस्सों को देखकर नागरिक और उम्मीदवार भी दंग रह गए। वहीं महानगरपालिका के मुख्य प्रशासनिक भवन समेत सभी आठ क्षेत्रीय कार्यालयों में उम्मीदवारों सहित नागरिकों की भारी भीड़ थी। कई लोगों ने महानगरपालिका की वेबसाइट पर वार्ड संरचना देखना पसंद किया। यह बहुत धीमी गति से शुरू हुआ क्योंकि एक ही समय में कई लोग साइट पर गए, इस पर नागरिकों ने नाराजगी जताई। 

सैंडविक कालोनी-रामनगर सबसे छोटा वार्ड 

कुछ इच्छुकों ने उम्मीद के मुताबिक, वार्ड बनने पर खुशी जताई तो कुछ ने उनकी सहूलियत के अनुसार वार्ड न बनने पर नाराजगी जताई। वार्ड सहित अनुसूचित जाति और जनजाति की जनसंख्या की घोषणा के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि आरक्षण किस वार्ड में पड़ेगा। महानगरपालिका के शहर में कुल 46 वार्ड हैं, जिनमें से 45 वार्ड तीन सदस्यों के लिए हैं और सांगवी वार्ड संख्या 46 चार सदस्यों के लिए है। चरहोली-चोविसावाडी वार्ड भौगोलिक दृष्टि से सबसे बड़ा और सैंडविक कालोनी – रामनगर सबसे छोटा वार्ड है। 

एनसीपी ने भी अपनी सहूलियत के अनुसार वार्ड बनाए! 

महानगरपालिका प्रशासन ने शुरू में वार्ड संरचना का मसौदा तैयार करते समय गोपनीयता बनाए रखने की कोशिश की। यह कहते हुए कि योजना तैयार करने का काम केवल चार से पांच दिनों का है, महानगरपालिका प्रशासन से राज्य चुनाव आयोग द्वारा दिए गए समय के भीतर योजना तैयार करने की उम्मीद की गई थी। इसलिए महानगरपालिका ने विस्तार की मांग की और इसी से सन्देह का दायरा गहराया। कहा जा रहा है कि भाजपा ने 2017 के आम चुनाव में जिस तरह से राज्य में सत्ता का फायदा उठाकर अपने अपेक्षित वार्ड बनाए थे, उसी तरह से अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी सहूलियत के अनुसार वार्ड बनाए हैं।

NCP के सभी पैनल प्रमुख ‘सुरक्षित’

वार्ड संरचना के मसौदे से साफ है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के स्थानीय दिग्गज नेताओं के बच्चे ‘सुरक्षित’ हो गए हैं। देखने में आया है कि संत तुकारामगर, भोसरी, मसुलकर कॉलोनी, संभाजीनगर, शाहूनगर, निगडी प्राधिकरण, दलवीनगर, भोईरनगर, पिंपरी कैंप, पिंपरी गांव, पिंपले-सौदागर, रावेत जैसे वार्डों को सुविधाजनक बनाया गया है। एनसीपी के पैनल प्रमुख तीन पार्षदों के चुनाव के लिए जिम्मेदार है। विधायक अन्ना बनसोड़े, पूर्व महापौर आजमभाई पानसरे, पूर्व महापौर विलास लांडे, नगर अध्यक्ष संजोग वाघेरे के करीबी सहयोगियों और नेता प्रतिपक्ष राजू मिसाल, वरिष्ठ पार्षद योगेश बहल, मंगला कदम, भाऊसाहेब भोईर, अजीत गवणे, नाना काटे, डब्बू असवानी और वैशाली घोडेकर के लिए वार्ड संरचना अनुकूल है। वहीं एनसीपी की राह पर चल रहे बीजेपी पार्षद रवि लांडगे के लिए भी पोषक वार्ड बनाया गया है।

शिवसेना के मुख्य पदाधिकारियों को राहत

थेरगांव, ताथवड़े, यमुनानगर, मोशी-बोरहाड़ेवाड़ी जैसे कुछ वार्ड शिवसेना के लिए सुविधाजनक हो गए हैं। इसलिए शहरप्रमुख एड. सचिन भोसले, युवा सेना के नगर युवा अधिकारी विश्वजीत बारणे, नगरसेवक रेखा दर्शीले, महिला मोर्चा जिला संयोजक सुलभा उबाले, शिवसेना विधानसभा अध्यक्ष धनंजय आल्हट ‘सेफ जोन’ में हैं। हालांकि, कांग्रेस पार्टी को एक जोरदार झटका लगा है। यहां तक कि शहराध्यक्ष  कैलाश कदम भी डेंजर जोन में हैं।

भाजपा के दिग्गजों के वार्डों में ‘तोड़फोड़’

महानगरपालिका में सत्तारूढ़ भाजपा के अधिकांश पार्षद के वार्डों में काफी ‘तोड़फोड़’ की गई है। नतीजतन, कई दिग्गज लोग मुसीबत में हैं। उनका राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा है। कहीं-कहीं तो ऐसी स्थिति बन गई है कि कई मौजूदा पार्षद आमने-सामने आ सकते हैं। सदन के नेता नामदेव ढाके, स्थायी समिति के अध्यक्ष नितिन लांडगे, पूर्व महापौर राहुल जाधव, विलास मडिगेरी, सीमा सावले, आशा शेंडगे, सचिन चिंचवड़े, राजेंद्र लांडगे, सुरेश भोइर, अश्विनी चिंचवड़े, राजेंद्र गावड़े, तुषार हिंग, अनुराधा गोरखे, केशव घोलवे, संदीप कस्पटे को काफी कठिनाइयों का सामना करना होगा। मनसे के शहरप्रमुख सचिन चिखले को भी कम चुनौती नहीं है। 

नए वार्डों के नाम