पुणे

Published: Dec 05, 2022 03:27 PM IST

Pune Crime Newsपुणे के निजी कंपनी के कर्मचारी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पुणे: पुणे में एक निजी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी (Infrastructure Company) के प्रोजेक्ट मैनेजर (Project Manager) श्याम निकम ने सड़क निर्माण के लिए सामग्री का गलत इस्तेमाल कर अपने संगठन को धोखा दिया। उसने अपने लाभ के लिए अपने सहयोगियों को धोखा दिया, जिसके परिणामस्वरूप सड़कों का खराब निर्माण हुआ। पुणे शहर पुलिस (Pune City Police) ने प्राथमिकी दर्ज (Case Registered) की है।

जब राज्य सरकार ने रोडवेज सॉल्यूशंस इंडिया इंफ्रा लिमिटेड को क्षतिग्रस्त रोड की मरम्मत करने का निर्देश दिया, तो धोखाधड़ी का पता चला। कंपनी ने तब निर्माण कार्य का ऑडिट किया जो कर्मचारी की देखरेख में पूरा हुआ था। अहमदनगर निवासी निकम को कंपनी के निदेशक बी.के. सिन्हा की शिकायत पर कोंढवा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 

मामले में पाई गई कई त्रुटियां  

सिन्हा के आरोप के अनुसार, निकम को 2016 से पिछले साल नवंबर तक परियोजना प्रबंधक के रूप में नियुक्त किया गया था। स्थानों के प्रभारी के रूप में वह उसे दिए गए कार्यों को पूरा करने का प्रभारी था। निकम ने तीन परियोजनाओं में योगदान दिया, जिसमें 72 किमी सातारा-रहिमतपुर-महाबलेश्वर सड़क, 30.396 किमी खेड-सिन्नर बाईपास मार्ग और 48 किमी म्हसवड-पंढरपुर सड़क शामिल है। तीनों सड़के 2017 और 2020 के बीच बनाई गई थी। नवंबर 2021 में निकम ने बिना कोई नोटिस दिए अपना कंपनी छोड़ दिया। इसके अतिरिक्त उसने पहले के लिए खर्च की गई जानकारी भी नहीं दी। काम का जब ऑडिट किया गया तो पता चला कि निकम ने कंपनी को कई तरह से धोखा दिया था। सिन्हा के अनुसार, कंपनी ने कथित तौर पर सातारा-रहिमतपुर-महाबलेश्वर सड़क पर उपयोग किए जाने वाले डीजल की मात्रा में त्रुटियां पाई। 

ईंधन से लेकर सीमेंट और लोहे तक में धांधली 

निकम को 5 लाख 38 हजार 963 लीटर ईंधन का उपयोग करना था, लेकिन इसके बजाय उसने  6 लाख 18 हजार 945 लीटर ईंधन का उपयोग किया। पाया गया कि उसने 79,582 लीटर की बिक्री की और 75 लाख रुपए की चोरी की। इसके अतिरिक्त उसने नौ लाख रुपए से अधिक मूल्य के बिटुमेन और साथ ही बोल्डर (2.32 करोड़ रुपए) बेच डाला। उसने कथित तौर पर जनवरी 2021 में सड़क निर्माण के लिए कम सीमेंट का इस्तेमाल कर सीमेंट को 19.81 लाख रुपए में बेच दिया। इतना ही नहीं सड़कों के निर्माण के लिए लोहे का भी कम इस्तेमाल किया और 10.76 टन लोहा अलग रखा।