पुणे

Published: Jan 25, 2022 05:46 PM IST

Pune लोकतंत्र में मतदान का प्रतिशत बढ़ना जरूरी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
file

पुणे: किसी भी लोकतंत्र (Democracy) में सबसे अहम मतदाता (Voter) होते हैं। मतदाताओं द्वारा किए जाने वाले मतदान (Voting) का प्रतिशत (Percentage) ज्यादा से ज्यादा बढ़ना जरूरी है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह जरुरी है। ऐसा मंतव्य राज्य के उच्च शिक्षा संचालक डॉ. धनराज माने ने दिया।

गणेशखिंड स्थित प्रोगेसिव एजुकेशन सोसाइटी (Progressive Education Society) के मॉडर्न महाविद्यालय और उच्च शिक्षा विभाग के सहसंचालक कार्यालय की ओर से  25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ मनाया गया। इस मौके पर डॉ. धनराज माने बोल रहे थे। इस समय सहसंचालक डॉ. किरण कुमार बोंदर, प्राचार्य डॉ. संजय खरात उपस्थित थे। 

ऑनलाइन निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित 

महाविद्यालय की ओर से 17 से 22 जनवरी के दौरान जिलास्तरीय ऑनलाइन निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में 300 निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता में कुल 300 निबंध प्राप्त हुए और चित्रकला परीक्षा में 85 प्रतियोगी शामिल हुए। इन प्रतियोगिताओं के नतीजे भी कार्यक्रम में घोषित किए गए। प्रा. संदीप सानप ने विजेताओं के नामों की घोषणा की। निबंध प्रतियोगिता में महेश देडे, डिंपल मुधोलकर, उज्ज्वला सुतार को क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार दिया गया। साथ में ऋतुजा चिखले, अनुग्या चंद्रवंशी को प्रोत्साहन पर पारितोषिक दिए गए। परीक्षक के तौर पर डॉ. संस्कृति अवलगांवकर, डॉ. दीपनीता भांजा, डॉ. सविता सबनीस ने कामकाज संभाला।

36 जिलों के महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक और छात्र शामिल हुए

चित्रकला प्रतियोगिता में नंदिनी वंजारी को प्रथम, अंकिता विभुते को द्वितीय तथा रचना गवली को तृतीय पुरस्कार दिया गया। प्रोत्साहन के तौर पर उज्जवला सुतार और ऋतुजा कोलपकर को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। परीक्षक के तौर पर डॉ.गौरी कोपर्डेकर, प्रा. राजेंद्र भोईवार और प्रा. संदीप सानप ने कामकाज संभाला। प्रस्तावना डॉ. गौरी कोपर्डेकर ने किया और डॉ.ज्योति जोशी ने आभार प्रकट किए। कार्यक्रम में 36 जिलों के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक और छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम के लिए सहकार्यवाह प्रा. सुरेश तोडकर, उपकार्यवाह डॉ. प्रकाश दीक्षित और सेक्रेटरी प्रा. श्यामकांत देशमुख ने कार्यक्रम की सफलता के लिए ‘मॉडर्न’ के प्राध्यापक और छात्रों की सराहना की।