पुणे

Published: Jan 19, 2023 03:27 PM IST

Chinchwad By-Election 2023चिंचवड उपचुनाव में निर्णायक साबित होंगे बढ़े हुए 49, 552 वोटर्स!

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Representational Pic

पिंपरी: बीजेपी विधायक लक्ष्मण जगताप (BJP MLA Laxman Jagtap) के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव (By-Election) की घोषणा की गई है। जिला निर्वाचन शाखा द्वारा पांच जनवरी को जारी मतदाता सूची (Voter List) का उपयोग चिंचवड विधानसभा उपचुनाव (Chinchwad By-Election) के लिए किया जाएगा। पुणे जिले के सबसे बड़े निर्वाचन क्षेत्र चिंचवड में 5 लाख 66 हजार 415 मतदाता हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान 5 लाख 16 हजार 836 मतदाता थे। पिछले तीन साल में 49 हजार 552 वोटर बढ़े हैं। ये बढ़े हुए वोट इस उपचुनाव में निर्णायक हो सकते हैं।

चिंचवड़ विधानसभा के विधायक लक्ष्मण जगताप तीन जनवरी को लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया। उनके निधन के बाद खाली हुई सीट के लिए महज 15 दिनों में अप्रत्याशित रूप से उपचुनाव की घोषणा की गई है। इसके अनुसार 27 फरवरी को वोटिंग होगी और वोटों की गिनती 2 मार्च को होगी। पुणे जिले में सबसे अधिक 5 लाख 66 हजार 415 मतदाताओं वाले चिंचवड विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं। ये मतदाता उपचुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदाता पहचान पत्र में आधार कार्ड लिंक, नाम, आयु, पता सुधार, मृत्यु एवं नवीन पंजीयन को दुरुस्त करने के बाद कलेक्टर कार्यालय ने पांच जनवरी को विधानसभा क्षेत्र के अनुसार अंतिम मतदाता सूची जारी की है।

चिंचवड विधानसभा क्षेत्र में जिले के सबसे अधिक मतदाता

चिंचवड विधानसभा क्षेत्र में जिले के सबसे अधिक मतदाता हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में 5 लाख 66 हजार 415 मतदाता हैं। इनमें 3 लाख 1 हजार 648 पुरुष, 2 लाख 64 हजार 732 महिला व 35 अन्य मतदाता हैं। यही वोटर अब चिंचवड का नया विधायक तय करने वाले हैं। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से लक्ष्मण जगताप और शिवसेना के पूर्व नेता राहुल कलाटे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस, वंचित बहुजन आघाड़ी के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जगताप और कलाटे समेत 11 उम्मीदवार मैदान में थे। जगताप को 1 लाख 50 हजार 723 वोट और निर्दलीय कलाटे को 1 लाख 12 हजार 225 वोट मिले थे। जगताप ने इस बेहद कड़े चुनाव में 38 हजार 498 वोट हासिल कर विधायकों की हैट्रिक लगायी। जगताप का वोट मार्जिन काफी कम हो गया जिसके चलते उनकी जीत से ज्यादा कलाटे की हार की चर्चा रही। अब उपचुनाव में कितने उम्मीदवार होंगे, जो एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे या फिर निर्विरोध चुनाव हुआ तो सियासी घेरा निशाना साध रहा है।