पुणे

Published: Jan 24, 2023 06:05 PM IST

Pune Newsपुणे के इस गार्डन में जानें क्यों पेड़ों पर लगाए गए QR Codes, यहां पढ़ें पूरी जानकारी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पुणे: एम्प्रेस गार्डन में टहलते हुए यदि आप किसी पेड़ के पास से होकर गुजर रहे हों और उत्सुकता हो उसके बारे में जानने की, तो उससे सम्बंधित सभी जानकारियां पालक झपकते आपके मोबाइल पर होंगी क्‍योंकि एम्‍प्रेस गार्डन (Empress Garden) की ओर से पेड़ों के बारे में एक ‘क्यूआर कोड’ (QR Codes) विकसित किए गए हैं। इस ‘क्यूआर’ कोड के जरिए पेड़ (Tree) खुद ही अपनी जानकारी देने लगे हैं।

 जैसे ही पेड़ों पर चिपकाए गए क्यूआर कोड को मोबाइल फोन पर स्कैन किया जाता है, मोबाइल फोन पर पेड़ों के बारे में पूरी जानकारी दिखाई देने लगती है। गार्डन में पेड़ों और लताओं की विभिन्न प्रजातियां हैं, इसलिए अधिकांश लोगों को इस प्रजाति के बारे में जानकारी नहीं है। इन पेड़ों को पहचानने और इनके बारे में जानने में आसानी हो, इसके लिए इन पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं।

इन भाषाओं में मिलेगी जानकारी 

इसके लिए अलग से मैकेनिज्म बनाया गया है। इसके लिए पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. श्रीनाथ कवाडे ने बेलगांव के जीएसएस कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. प्रवीण पाटिल की मदद से एक वेबसाइट बनाई है। पेड़ों और बेलों की लगभग तीन सौ विभिन्न प्रजातियां हैं और 850 पेड़ों को क्यूआर कोडित किया गया है। इससे मराठी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में नाम और पेड़ों की जानकारी लोगों को आसानी से उपलब्ध हो गई है। इस पहल का उद्घाटन 25 जनवरी से शुरू होने वाली पुष्प प्रदर्शनी में किया जाएगा। 

आजकल हर किसी के हाथ में मोबाइल फोन हैं, जिससे वह कोई भी जानकारी आसानी से हासिल कर सकता है, लेकिन अगर उसे उस पेड़ का नाम नहीं पता है तो सवाल उठता है कि वह उसके बारे में कैसे जानेगा। इससे सीधे क्यूआर कोड को स्कैन कर उस पेड़ की पूरी जानकारी मिल सकेगी।

-सुरेश पिंगले, सचिव, एम्प्रेस गार्डन

इस पहल के तहत विभिन्न प्रजातियों की बेलों और पेड़ों पर ये क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिससे मोबाइल के जरिए विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों की पहचान की जा सकेगी। प्रत्येक प्रजाति के बारे में विस्तृत जानकारी सभी के लिए उपलब्ध होगी।

-श्रीनाथ कवाडे, पर्यावरण विशेषज्ञ