पुणे

Published: May 30, 2023 05:11 PM IST

Pune Newsडिंभे डैम में केवल 15 प्रतिशत पानी शेष, मानसून में देरी से होगी जल किल्लत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पुणे: शहीद बाबू गेनू जलाशय, डिंभे बांध (अंबेगांव में) में 29 मई की शाम तक 15 प्रतिशत पानी का स्टॉक बचा था। बांध की नहर से वर्तमान में 600 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा जा रहा है। डैम से पानी सिंचाई और पेयजल (Drinking Water) के लिए डायवर्ट किया जा रहा है। गर्मी और वाष्पीकरण बढ़ने के कारण डिंभे बांध (Dimbhe Dam) में पानी का भंडारण (Water Storage ) कम हो रहा है। 

इससे बांध के कैचमेंट एरिया के गांवों और बस्तियों में पानी की भीषण किल्लत (Water Storage) महसूस होने लगी हैं। लोग प्रार्थना कर रहे है कि बारिश आदिवासी क्षेत्रों से लंबे समय तक दूर न रहे। डिंभे बांध जलग्रहण क्षेत्र के फुलवाडे, अंबेगांव, बोरघर, वाचपे, पंचले, आदिवारे, कुशायर, म्हालुंगे, पाटन आदि गांवों के किसान गर्मियों की फसल काट रहे हैं। 

गर्मी से फसल सूख रहे

पानी की कमी के कारण फसल सूखने लगी हैं। पुणे जिले में कुकड़ी परियोजना में 5 प्रमुख बांध हैं। इनमें डिम्बे, माणिकदोह, वडज, पिंपलगांव जागा, येदगांव का नाम शामिल है। इनमें से दिम्बे बांध सबसे बड़ा है। इस परियोजना से क्रमशः पुणे, अहमदनगर और सोलापुर जिलों में जुन्नर, अंबेगांव, शिरूर, परनेर, श्रीगोंडा, कर्जत, करमाला नाम के सात तालुका के 46 गांवों का 14129.25 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई के दायरे में आ गया है।

पानी के लिए करनी पड़ रही मेहनत

जल संसाधनों में बड़ी कमी के कारण किसानों को इन फसलों को जीवित रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। इसी प्रकार बांधों, तालाबों, शिव काल की पानी की टंकियों, कुंओं, हैंड पंपों के जलग्रहण क्षेत्र में नीचे तक पहुंचने से पानी की कमी हो गई है।

जून और जुलाई में बारिश कम होने की संभावना है। इसका असर डैम के स्टॉक पर पड़ेगा। इसलिए किसानों को पानी का कम से कम उपयोग करना चाहिए।

-डी. एस. कोंकणे, अनुविभागीय अधिकारी, कुकड़ी सिंचाई विभाग, मंचर