पुणे

Published: Dec 21, 2021 06:35 PM IST

Pimpri Chinchwad Municipal Corporationलंबित लेखा परीक्षा को पूरा करने के लिए पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका ने कसी कमर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) में मुख्य लेखा परीक्षा (Main Audit) कार्यालय ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंत तक महानगरपालिका विभागों के लंबित ऑडिट (Pending Audit) को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कुछ उपाय करने का निर्णय लिया है। केवल महत्वपूर्ण व्यय से संबंधित सामरिक मामलों की लेखा परीक्षा, जमा राशि का 100 प्रतिशत लेखा परिक्षण और कम से कम 50 प्रतिशत कार्य का ही लेखा-जोखा रखा जाएगा।

पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका का मुख्य लेखा परीक्षा विभाग महानगरपालिका के विभागों का ऑडिट करता है। 1982-83 से 2009-10 की अवधि के लिए लेखा परीक्षा कार्य पूरा कर लिया गया है। मुख्य लेखा परीक्षक की रिपोर्ट (Report) समय-समय पर स्थायी समिति को प्रस्तुत की गई है। वर्तमान में मुख्य लेखा परीक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2010-11 से 2014-15 की अवधि के लिए महानगरपालिका के 135  में से 130 संभागों की लेखा परीक्षा पूर्ण की जा चुकी है। शेष विभागों का ऑडिट कार्य प्रगति पर है। इस विभाग के पास उपलब्ध जनशक्ति के अनुसार वर्ष 2015-16 से 2017-18 की अवधि के लिए महानगरपालिका के विभिन्न विभागों के ऑडिट के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया गया है। ऑडिट विभाग अगले साल के भीतर इस काम को पूरा करने का प्रयास कर रहा है।

कार्य को समय पर पूरा करने की सीमाएं

महानगरपालिका के कार्य का दायरा बढ़ने, बजट में वृद्धि, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की बढ़ती संख्या,लेखा परीक्षा विभाग के पास अपर्याप्त जनशक्ति के कारण लेखा परीक्षा कार्य को समय पर पूरा करने की सीमाएं हैं। महानगरपालिका में कमजोर आंतरिक नियंत्रण इंगित करता है कि लेखा परीक्षा लंबित होने के साथ-साथ असामयिक भी है। महानगरपालिका की दृष्टि से यह मामला बेहद गंभीर और चिंताजनक है। अतः लेखा परीक्षा की लम्बित अवधि को बढ़ाए बिना उसे कम करने के उपायों पर ध्यान देना आवश्यक है। बाद के ऑडिट में संबंधित विभाग के संपूर्ण परिचालन व्यय के केवल सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक पहलुओं को शामिल किया जाएगा। किन दस्तावेजों का ऑडिट किया जाना है इसका निर्णय मुख्य लेखा परीक्षक के स्तर पर लिया जाएगा। 

कार्यों का शत-प्रतिशत ऑडिट किया जाएगा

अंकेक्षण के दौरान किए गए कार्य के कम से कम 50 प्रतिशत अंकेक्षण का ध्यान रखा जायेगा। महानगरपालिका में जमा की जाने वाली राशि से संबंधित कार्यों का शत-प्रतिशत ऑडिट किया जाएगा। परीक्षण के आधार पर स्थापना व्यय, अन्य व्यय, वाहन ईंधन, अस्थायी स्थापना के रूप में व्यय बिलों की लेखा परीक्षा की जाएगी। स्थापना कार्य, सेवा पुस्तिका, अवकाश अभिलेख आदि का भी आवश्यकतानुसार परीक्षण के आधार पर अंकेक्षण किया जायेगा, लेखा परीक्षा विभाग ने ऐसा स्पष्ट किया है।