पुणे
Published: May 10, 2021 05:01 PM ISTCorona पुणे में पॉजिटिविटी दर 25% से कम होकर 16% तक पहुंचा
पुणे. शहर और उपनगरों में कोरोना मरीजों (Corona Patients) की संख्या प्रति दिन 6000 के स्तर के करीब पहुंच रही थी। परिणामस्वरूप कुछ ही दिनों में पॉजिटिविटी दर (Positivity Rate) 14 प्रतिशत से बढ़कर 25 प्रतिशत हो गई थी। पुणे शहर (Pune City) के लिए यह खतरे की घड़ी मानी जा रही थी, लेकिन अब धीरे-धीरे पॉजिटिविटी दर कम होता हुआ दिख रहा है।
1 से 7 अप्रैल तक यह दर 25% था, लेकिन 7 से 14 अप्रैल के बीच यह दर कम होकर 23% हो गया था। उसके बाद अब यह दर 16.57% हो गई है। पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) द्वारा टेस्ट भी बढ़ाई है। इसका नतीजा दिख रहा है। ऐसी जानकारी मनपा प्रशासन द्वारा दी गई।
पहले दर था 10%
ज्ञात हो कि मार्च के शुरू से शहर में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पहले आठ दिनों में पॉजिटिविटी दर 10 से 12 फीसदी थी। वह बढ़कर 14 प्रतिशत तक की पॉजिटिविटी दर हो गई थी। इसे नियंत्रित करने के लिए शहर और उपनगरों में कुछ स्थानों पर कोविड देखभाल केंद्र फिर से खोले गए हैं। खराड़ी स्टेशन, स्वारगेट में कोविड केयर सेंटर शुरू किए गए है। नागरिकों को मास्क पहनना, हाथ धोना और शारीरिक अंतर का पालन करना चाहिए, अन्यथा बड़े निवारक निर्णय लेने होंगे, यह चेतावनी दी गई थी। ऐसा होने के बावजूद कुछ ही दिनों में पॉजिटिविटी दर 14 प्रतिशत से बढ़कर 25 प्रतिशत हो गई थी। पुणे शहर के लिए यह खतरे की घड़ी मानी जा रही है। लेकिन अब धीरे-धीरे पॉजिटिविटी दर कम होता हुआ दिख रहा है। विगत माह 1 से 7 अप्रैल तक यह दर 25% था, लेकिन 7 से 14 अप्रैल के बीच यह दर कम होकर 23% हो गया था। पीएमसी द्वारा टेस्ट भी बढ़ाई है। इसका नतीजा दिख रहा है।
मिल रही राहत
मार्च-अप्रैल में पीड़ितों की पॉजिटिविटी दर लगभग 30 प्रतिशत हो गई थी। इसके अलावा दो महीनों के लिए यह लगातार 25 और 30 प्रतिशत के बीच था। हालांकि, अप्रैल के अंतिम सप्ताह से पीड़ितों की संख्या घटने लगी और इस सकारात्मकता दर में भी कमी आने लगी। बेशक, मार्च और अप्रैल में, जांच किए गए संदिग्धों की संख्या लगभग 20,000 से 25,000 थी। उसमें से पीड़ितों की संख्या 30 फीसदी तक थी। हालांकि, अब जबकि संदिग्धों की संख्या में लगभग 10,000 की कमी आई है, मरीजों की संख्या भी घट रही है। वर्तमान में यह लगभग दो से ढाई हजार है। 27 अप्रैल के दौरान, पीड़ितों की पॉजिटिविटी दर 23.24 प्रतिशत थी। तब भी यह 23 से 21 फीसदी के बीच रहा। तीन से चार महीनों के बाद पीड़ितों की सकारात्मकता घटने लगी और यह 20 से कम यानी 19, 18 से कम होने लगी। 8 मई को पॉजिटिविटी दर 16.57 दर्ज की गई।