Gopal Tiwari Congress pune

    Loading

    पुणे. पुणे में लोग मुखौटे नहीं पहनते हैं, कोविड़ के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते हैं आदि ‘उच्च न्यायालय’ में वरिष्ठ राज्य विधायकों द्वारा लगाए गए झूठे आरोप सही नहीं है। यह दावा कांग्रेस राज्य के प्रवक्ता गोपाल तिवारी (Gopal Tiwari) द्वारा किया गया है। साथ ही तिवारी ने कहा कि इस तरह की झूठी जानकारी कोर्ट (Court) में ना पेश की जाए। 

    तिवारी ने कहा कि मुंबई उच्च न्यायालय (Mumbai High Court) में यह कहकर अदालत को गुमराह करने का प्रयास किया गया कि ‘पुणे सिटी और सिटीजन’ कोविड के काल के दौरान अपेक्षित व्यवहार नहीं कर रहे थे। यह इन झूठे आरोपों के कारण है कि उच्च न्यायालय ने पुणे शहर में सख्त लॉकडाउन के लिए कहा। लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। पुणेकर तो सभी नियमों का पालन करते है। तिवारी ने कहा कि अनावश्यक रूप से सड़क पर कोई नहीं चलता है। संयम और अनुशासन के कारण ही सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या औसत से कम हो गई है। पिछले 18-20 दिनों में प्रति दिन मरीजों की तादाद कम हुई है।   

    रियल टाइम डैश बोर्ड’ को अपडेट करें 

    तिवारी के अनुसार, पुणे शहर-क्षेत्र राज्य में एक महत्वपूर्ण आर्थिक चक्र है और अदालत को पुणे के लोगों पर ‘सख्त लॉकडाउन’ के हथौड़ा का उपयोग नहीं करना चाहिए जो पहले से ही नुकसान उठा रहे हैं। ‘रियल टाइम डैश बोर्ड’ को अपडेट करने के लिए अदालत के आदेश पर विचार करना चाहिए।  कोरोना मरीजों के लिए बिस्तरों की उपलब्धता और वितरण के लिए (11,500 ऑक्सीजन, आईसीयू, सार्वजनिक-निजी अस्पतालों के वेंटीलेटर सहित) और इसे चालू करने के लिए उपाय करने चाहिए। कोर्ट के निर्देश की वजह से पुणेवासी घबरा गए हैं। पुणेकरों को राहत देने के लिए अच्छे उपाय पहले किए जाए।