पुणे
Published: May 09, 2022 03:58 PM ISTPimpri-Chinchwad Politicsपानी की टंकी की राजनीति में एनसीपी को झटका!, जानें क्या है पूरा मामला
पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड (Pimpri-Chinchwad) के भोसरी स्थित इंद्रायणी नगर, धावड़े बस्ती, भगत बस्ती और गुलवे बस्ती क्षेत्रों में 50,000 से अधिक परिवारों के लिए बहुत महत्वपूर्ण पानी की टंकी (Water Tank) के निर्माण का मुद्दा आखिरकार सुलझा लिया गया है। मुंबई हाई कोर्ट (Mumbai High Court) ने स्पष्ट आदेश दिया है कि पानी की टंकी का निर्माण तकनीकी पहलुओं की जांच के बाद किया जाए। इसलिए बीजेपी के पूर्व नगरसेवक राजेंद्र लांडगे (Former Corporator Rajendra Landge) द्वारा छेड़ी गई लड़ाई पानी की टंकी को लेकर पिछले दो साल से चल रहे राजनीतिक संघर्ष में सफल रही है।
पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका प्रशासन की पहल से पिंपरी-चिंचवड नवनगर विकास प्राधिकरण की सीमा के भीतर पेठ नंबर 1, प्लॉट नंबर 4, 1933.03 की खाली जमीन पर पानी की टंकी (जलकुंभ) बनाने का प्रस्ताव किया गया है। 5 नवंबर 2018 को क क्षेत्रीय कार्यालय की बैठक में इसका प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। महानगरपालिका प्रशासन ने भी अपना वर्क ऑर्डर दे दिया था। हालांकि राजनीतिक दबाव और साख के कारण, संबंधित टैंक का काम रोक दिया गया था। तब से यह परियोजना अधर में रही। बाद में यह विवाद कोर्ट तक पहुंच गया था।
उपमुख्यमंत्री को किया जा रहा है गुमराह: राजेंद्र लांडगे
इस संबंध में पूर्व नगरसेवक राजेंद्र लांडगे ने बताया कि पानी की टंकी का काम बंद करने का आदेश उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पुणे में हुई बैठक में जारी किया था। दरअसल, आगामी महानगरपालिका चुनाव की पृष्ठभूमि में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों ने बीजेपी शासन के दौरान शुरू हुए विकास कार्यों को टालने का फैसला किया है। इसके लिए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को गुमराह किया जा रहा है। इसके चलते कोर्ट में केस होने से विकास कार्य बाधित हो रहा है।
एनसीपी की जिद के चलते रुका था काम
कोर्ट के आदेश के मुताबिक प्रशासन दो साल के अंदर पानी की टंकी बनाने की कार्रवाई करे। टेंडर प्रक्रिया और अन्य मामलों को पूरा कर लिया गया है। कुछ काम हुआ है, जल्द ही इसी साइट पर काम शुरू होने की उम्मीद है। भगतबस्ती- गुलवेबस्ती, धावड़ेबस्ती और इंद्रायनी नगर के नागरिकों के लिए पानी की टंकी का निर्माण आवश्यक है। हालांकि एनसीपी के शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाने और संजय उदावंत ने राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को गुमराह किया, जिससे पानी की टंकी का काम रुक गया। दरअसल, दिघी और चिखली में एक ही समय में शुरू की गई पानी की टंकी बनकर तैयार हो चुकी है और उसे समर्पित कर दिया गया है। एनसीपी की जिद के चलते दो साल से पानी की टंकी का काम ठप है। अब ये आकांक्षी उम्मीदवार आगामी चुनाव में वोट मांगेंगे। हालांकि, क्षेत्र के नागरिक उन्हें आश्रय नहीं देंगे, यह दावा भी राजेंद्र लांडगे ने किया है।