पुणे

Published: May 22, 2023 03:23 PM IST

Rupee Cooperative Bankमृत व्यक्ति के नाम से रूपी बैंक से निकाले इतने लाख रुपए, ऐसे सामने आया मामला, पढ़ें डिटेल्स

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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पिंपरी: समान नाम के एक व्यक्ति के बैंक खाते से एक व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज (Fake Document) जमा कराकर पांच लाख रुपए निकाल लिए। यह घटना तब सामने आई जब मूल खाताधारक की मौत हो जाने के कारण उसकी पत्नी पैसे निकालने के लिए रसीद लेकर बैंक गई। यह घटना पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) भोसरी स्थित रूपी सहकारी बैंक (Rupee Cooperative Bank) में 18 अक्टूबर 2021 से 20 अप्रैल 2023 के बीच हुई। जिस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उसका नाम रामशंकर बाबूराम विश्वकर्मा (निवासी दिघी, पुणे) है। इस मामले में बैंक के प्रभारी प्रबंधक राहुल नाइक ने भोसरी थाने में शिकायत दर्ज (Complaint Registered) कराई है।

पुलिस के मुताबिक, साल 2013 में को-ऑपरेटिव अकाउंट्स और रिजर्व बैंक ने कार्रवाई करते हुए रूपी को-ऑप बैंक पर आर्थिक बंदिशें लगा दी थी। उसके बाद बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया गया और बैंक में प्रशासक नियुक्त किया गया। इसके बाद खाताधारक किसी भी खाते से कोई राशि नहीं निकाल सके। अगस्त 2021 में बैंक ने केंद्र सरकार, बीमा कंपनी और विभिन्न विभागों से चर्चा कर खाताधारकों की गाढ़ी कमाई दिलाने का प्रयास किया और बैंक के खाताधारकों को पांच लाख रुपए तक भुगतान की स्वीकृति मिली। खाताधारकों से निर्धारित प्रारूप में आवेदन एवं खाते से संबंधित दस्तावेज जमा कर राशि निकालने का अनुरोध किया गया।

ICICI बैंक खाते में पांच लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए

इसमें आरोपित रामशंकर विश्वकर्मा ने भी आवेदन दिया था। उसने उस आवेदन में उसने डिपॉजिट की रसीद होने का एहसास दिलाया, लेकिन विश्वकर्मा ने एक क्षतिपूर्ति बांड लिखा कि वे रसीदें जमा नहीं कर सके क्योंकि वे गायब थी। साथ ही उन्होंने पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासबुक भी पेश किया। उस बांड पर भरोसा करते हुए वादी ने 22 मार्च 2022 को विश्वकर्मा के आईसीआईसीआई बैंक खाते में पांच लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। सात-आठ महीने के बाद शांति विश्वकर्मा बैंक आई। उन्होंने बैंक को बताया कि उनके पति की पहले ही मौत हो चुकी है। उनके पति का बैंक में सावधि जमा खाता है। शांति ने अपनी रसीदें भी जमा की। 

पुलिस कर रही मामले की जांच

उसके बाद बैंक के ध्यान में आया कि बैंक से पांच लाख रुपए निकालने वाला मूल रमाकांत विश्वकर्मा नहीं बल्कि कोई और व्यक्ति है। बैंक ने धन वाहक विश्वकर्मा से पत्र व्यवहार किया और उनसे पैसे वापस करने को कहा। बैंक ने उनके बचत खाते से राशि काट ली। अभियोजन पक्ष ने कहा कि शेष 4 लाख 32 हजार 771 रुपये न लौटाकर विश्वकर्मा ने बैंक से धोखाधड़ी की। भोसरी पुलिस जांच कर रही है।