पुणे

Published: Jun 10, 2021 04:48 PM IST

Politicsटीकाकरण के लिए रखे 6 हजार करोड़ के चेक का क्या करोगे?,चंद्रकांत पाटिल ने किया सवाल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पुणे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने हाल ही में घोषणा की है कि देश में टीकाकरण अभियान (Vaccination Campaign) अब केंद्र सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है। उन्होंने यह भी घोषणा की है कि 21 जून से देश में 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को मुफ्त टीकाकरण (Free Vaccination) दिया जाएगा। इसके बाद शुरू से महाविकास आघाडी सरकार को आड़े हाथों लिए हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने फिर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ठाकरे सरकार ने एकमुश्त चेक देकर 12 करोड़ वैक्सीन खरीदने की तैयारी की थी। तब उनकी जेब में 6 हजार करोड़ रुपये का चेक था, उस चेक का क्या हुआ? यह सवाल पाटिल ने पूछा है।

पाटिल ने इस मुद्दे पर अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि उनके पास टीकाकरण के लिए 6,000 करोड़ रुपये का चेक था। उस चेक का क्या हुआ? क्या आप उन लोगों को देने जा रहे हैं जो चक्रवात में क्षतिग्रस्त हुए थे? क्या आप मराठा समुदाय को देने जा रहे हैं? इसके अलावा, पाटिल ने मराठा आरक्षण को लेकर ठाकरे सरकार की भी कड़ी आलोचना की। मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य में मराठा समुदाय को गुमराह किया जा रहा है। केंद्र सरकार के पास इस संबंध में कुछ भी नहीं है। पहले यह तय करना होगा कि मराठा समुदाय पिछड़ा है। चंद्रकांत दादा ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सिर्फ धूल झाड़ना शुरू किया गया है। पाटिल ने यह भी मांग की है कि देवेंद्र फडणवीस द्वारा मराठा समुदाय को दी जाने वाली रियायतें दी जानी चाहिए।

पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकार का टैक्स भी कम करना चाहिए 

ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण सिर्फ महाराष्ट्र को गया। इस पर प्रधानमंत्री मोदी क्या करेंगे? कोरोना के बंधन को खत्म करो, फिर देखो आंदोलन कैसे होता है, पाटिल ने इन शब्दों में ठाकरे सरकार को चेतावनी दी। विधान परिषद के राज्यपाल द्वारा नियुक्त 12 विधायकों के मुद्दे पर क्या करेंगे प्रधानमंत्री मोदी? मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की सरकार की नीति है कि वे खुद कुछ न करें और सब कुछ केंद्र सरकार करें। इसी तरह, राज्य सरकार को उम्मीद है कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमत कम करने के लिए कदम उठाएगी। पेट्रोल और डीजल के मामले में, आयात दरों, प्रसंस्करण लागत, परिवहन लागत और वितरक कमीशन को नहीं बदला जा सकता है। इस पर कर ही बदल सकते हैं। अन्य राज्यों ने करों को कम किया, इसलिए दरें सौ के भीतर हैं। लोगों को राहत देने के लिए महाविकास अघाड़ी सरकार को महाराष्ट्र में पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकार का टैक्स भी कम करना चाहिए। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि अगर यह सरकार खुद कर कम करती है और फिर केंद्र से अपील करती है, तो यह समझ में आता है।