महाराष्ट्र
Published: Dec 09, 2021 01:45 PM ISTBhima Koregaon Caseतीन साल बाद जेल से रिहा हुईं सुधा भारद्वाज, एल्गार परिषद मामले में हुई थी गिरफ्तारी
मुंबई: तीन साल पहले एल्गार परिषद (Elgar Parishad) मामले में गिरफ्तार (Arrest) वकील-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज (59) (Sudha Bharadwaj) को गुरुवार दोपहर आखिरकार जेल (Jail) से रिहा कर दिया गया। वह मुंबई की भायखला जेल (Byculla Jail In Mumbai) में बंद थीं। भारद्वाज को बुधवार को विशेष एनआईए अदालत के सामने पेश किया गया था, जिसके एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के पिछले हफ्ते उन्हें डिफ़ॉल्ट जमानत देने के आदेश को बरकरार रखा था।
एनआईए की एक विशेष कोर्ट (Special NIA Court) ने बुधवार को कहा था कि, सुधा भारद्वाज को 50,000 रुपये के मुचलके पर जेल (Jail) से रिहा किया जा सकता है। भारद्वाज को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) से तकनीकी खामी के आधार पर बेल मिली है। कोर्ट ने भारद्वाज को नकद मुचलका जमा कराने की अनुमति दी।
एनआईए की विशेष अदालत द्वारा उनकी रिहाई के लिए लगायी अन्य शर्तों में उनका अदालत के न्यायाधिकार क्षेत्र के भीतर रहना और उसकी अनुमति के बिना मुंबई छोड़कर नहीं जाना शामिल हैं। न्यायालय ने एक दिसंबर को भारद्वाज को तकनीकी खामी के आधार पर जमानत प्रदान कर दी थी और विशेष एनआईए अदालत को उनकी जमानत की शर्तों और रिहाई की तारीख पर फैसला लेने का निर्देश दिया था। भारद्वाज को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के प्रावधानों के तहत अगस्त 2018 में एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार किया गया था।
दरअसल, यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे के शनिवारवाड़ा में एल्गार परिषद की संगोष्ठी में भड़काऊ भाषण देने से जुडा है। पुलिस का दावा है कि, इसके अगले दिन पुणे के बाहरी इलाके कोरेगांव-भीमा में भाषण की वजह से हिंसा भड़की। पुलिस का यह भी दावा है कि इस संगोष्ठी को माओवादियों का समर्थन हासिल था। बाद में इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी।