ठाणे

Published: Dec 17, 2021 09:51 PM IST

Bhiwandi Mobile Towerअवैध मोबाइल टावर निर्माण कंपनियों पर महानगरपालिका लापरवाह, नोटिस के 15 दिन बाद भी नहीं दर्ज हुआ FIR

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

भिवंडी : महानगरपालिका (Municipal Corporation) प्रभाग समिति क्रमांक 1 अंतर्गत जब्बार कंपाउंड (Jabbar Compound) मेन रोड पर अतिक्रमण (Encroachment) कर आरसीसी चबूतरा निर्माण कर मैसर्स इंडस टाॅवर लि. कंपनी  और हयातुल्ला तजमुल खान ‌द्वारा सांठगांठ कर बगैर महानगरपालिका परमिशन लिए ही 40 फुट ऊंचा मोबाइल टावर लगाने का मामला प्रकाश में आया है। जागरूक क्षेत्रीय नागरिकों की शिकायत पर महानगरपालिका प्रशासन ने कार्रवाई का नाटक करते हुए 1 दिसंबर 2021 को आनन-फानन में मोबाइल टाॅवर कंपनी और जमीन मालिक को महाराष्ट्र प्रादेशिक और नगर रचना अधिनियम 1966 कलम 53 और 152 के तहत 3 दिन के भीतर मोबाइल टावर निकालने के लिए नोटिस जारी किया था।

आश्चर्यजनक हैं, कि 15 दिन बीत जाने के बावजूद न तो मोबाइल टावर निकाला गया और न महानगरपालिका प्रशासन द्वारा स्थानीय पुलिस स्टेशन में एमआरटीपी के तहत मामला दाखिल कराया गया और कानून का उल्लंघन कर मोबाइल टावर निर्माण किए जाने के बाद भी मोबाइल टावर कंपनी के प्रति महानगरपालिका प्रशासन की मेहरबानी चर्चा का विषय बनी हुई है।

टावर खड़ा हो गया

गौरतलब है, कि नागांव -2 परिसर स्थित सर्वे नंबर 91/14 जब्बार कंपाउंड की मुख्य सड़क के किनारे फुटपाथ की जमीन पर कब्जा करते हुए सेठ हयातुल्ला तजमुल खान ने महानगरपालिका के भ्रष्ट अधिकारियों से सांठगांठ कर मेसर्स इंडस टाॅवर लिमिटेड कंपनी का 40 फुट ऊंचा  मोबाइल टावर खड़ा कर दिया है। जागरूक नागरिकों का कहना है कि मोबाइल टावर लगाने के लिए महानगरपालिका प्रशासन ने मोबाइल कंपनी को कोई अनुमति नहीं दी है। मोबाइल टावर का निर्माण शुरू होते ही अपनी जेब भर कर क्षेत्रीय सहायक आयुक्त दिलीप खाने और बीट निरीक्षक विराज भोईर अचानक छुट्टी पर चले गए और उनकी अनुपस्थिति में बेधड़क तरीके से आनन-फानन में मोबाइल टावर खड़ा हो गया।

आपराधिक मामला ही दर्ज कराया गया

क्षेत्रीय प्रभाग अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे प्रभाग समिति 2 के सहायक आयुक्त फैसल तातली को अवैध रूप से टाॅवर लगाए जाने की सूचना मिलने पर वह अतिक्रमण दस्ते के दलबल के साथ पहुंचकर निर्माणाधीन मोबाइल टावर का काम बंद कराया। आश्चर्यजनक तथ्य है कि महानगरपालिका प्रशासन द्वारा 15 दिन बीत जाने के बाद भी मोबाइल टावर निकाले जाने के लिए न तोड़ू कार्यवाही की गई और न मोबाइल टावर कंपनी और जमीन मालिक के खिलाफ महानगरपालिका अधिनियम के तहत एमआरटीपी का आपराधिक मामला ही दर्ज कराया गया।

कार्यों को बढ़ावा दे रहे है

जागरूक नागरिकों का कहना है कि महानगरपालिका वार्ड अधिकारी दिलीप खाने एवं बीट निरीक्षक विराज भोईर अपनी जेब भर कर अवैध रूप से मोबाइल टावर खड़ा करा रहे है। महानगरपालिका प्रभाग अंतर्गत समूचे क्षेत्र में अवैध रूप से बिल्डिंग निर्माण का कार्य जोरों से शुरू है। महानगरपालिका अधिकारी अपनी जेब भरकर अवैध निर्माण कार्यों को बढ़ावा दे रहे है।

सुधाकर देशमुख से की है

मोबाइल टावर लगाने के लिए महानगरपालिका प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई है। मोबाइल टावर कंपनी मनमानी तरीके से क्षेत्र में टावर लगा रही है। अवैध रूप से मोबाइल टावर निर्माण होने से महानगरपालिका राजस्व का लाखों रुपयों का नुकसान हो रहा है। महानगरपालिका भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से शहर में चहुंओर अवैध निर्माण जारी है लेकिन सब कुछ जानबूझकर भी महानगरपालिका प्रशासन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आंख मूंदे हुए है। शहर के जागरूक नागरिकों ने अवैध मोबाइल टावर निर्माण में लिप्त क्षेत्रीय वार्ड अधिकारी खाने एवं बीट निरीक्षक विराज भोईर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने की मांग महानगरपालिका आयुक्त सुधाकर देशमुख से की है।