ठाणे

Published: Aug 17, 2022 06:15 PM IST

Notice मुंब्रा रेलवे पटरी के पास बने 19 इमारतों को नोटिस!

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

ठाणे : मध्य रेलवे (Central Railway) ने मुंब्रा रेलवे स्टेशन (Mumbra Railway Station) के पास रेलवे पटरी (Railway Tracks) के किनारे बसे 19 इमारतों (Buildings) को तोड़ने का नोटिस (Notices) जारी किया है। रेल प्रशासन द्वारा जारी किये गए इस नोटिस से इमारत में रहने वाले रहवासियों में भय का माहौल बना हुआ है। इस बीच, स्थानीय विधायक जितेंद्र आव्हाड ने तत्काल इस क्षेत्र के का दौरा कर निवासियों जसे मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि हम आपके साथ हैं और समय आने पर हम सड़क पर उतरकर इसका विरोध करेंगे और किसी भी रहिवासी को बेघर नहीं होने देंगे। 

रेलवे ने बिना वजह नोटिस भेजा: जितेंद्र आव्हाड

भारी बारिश जारी रहने के बावजूद मुंब्रा में 19 इमारतों में रहने वाले सैकड़ों निवासियों को अपने घर खाली करने के लिए रेलवे द्वारा नोटिस भेजे जाने से नागरिकों में दहशत फैल गई है। दिलचस्प बात यह है कि पूर्व आवास मंत्री और स्थानीय विधायक जितेंद्र आव्हाड ने आरोप लगाया है कि ये 40 साल पुरानी इमारतें हैं और रेलवे ने बिना वजह नोटिस भेजा हैं। अगर इन इमारतों को गिराने की कोशिश की गई तो सैकड़ों लोगों का संसार उजड़ जाएगा और बेघर हो जायेंगे। इसलिए वे किसी भी इमारत को गिराने नहीं देंगे। आव्हाड ने चेतावनी दी है कि यह उनका निवारा है और इस पर यहाँ के रहिवासियों का अधिकार है और यदि कोई उस अधिकार को छीनता है, तो वे सड़कों पर उतरेंगे और विरोध करेंगे। 

आपको बता दें कि रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए पटरियों के किनारे की इमारतों को नोटिस जारी कर कहा है कि सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाने का फैसला लिया गया है। अगर सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाना है तो मुंबई में 5 लाख लोगों संसार ध्वस्त हो जाएगा और वे बेघर हो जायेंगे। ठाणे में हजारों लोग सड़कों पर उतरेंगे। 

सत्ता बदलते ही फिर नोटिस

इस बीच, रेल मंत्री अश्विनी कुमार, रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे कुछ महीने पहले पांचवीं और छठी लाइन के उद्घाटन के लिए ठाणे आए थे। उस समय सांसद श्रीकांत शिंदे और पूर्व आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने उनसे मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों ने उनसे कहा था कि पहले रेलवे लाइन से सटे निवासियों का पुनर्वास करें, फिर जगह खाली करें, इसके लिए राज्य सरकार इन निवासियों को आसपास के क्षेत्र में पुनर्वास कर उन्हें दे सकती है। म्हाडा के माध्यम से मकान, जिसके लिए रेलवे ने भी सहयोग की मांग की। उस समय रेल मंत्री अश्विनी कुमार और रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने भी सकारात्मक नजर आए थे। यह भी आश्वासन दिया गया कि जब तक निवासियों का पुनर्वास नहीं किया जाएगा, तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन अब प्रदेश में सत्ता बदल चुका है बीजेपी और शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट की सरकार आ गई है और अब यहाँ के स्थानीय विधायक जितेंद्र आव्हाड मंत्री नहीं हैं, रेलवे ने एक बार फिर इलाके में घरों को खाली करने का नोटिस भेजा है। इससे रहवासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है, वहीं भविष्य में इस मुद्दे पर नए विवाद की आशंका जताई जा रही है।