ठाणे

Published: Feb 21, 2022 12:33 AM IST

Sameer Wankhedeसमीर वानखेड़े को मिला आबकारी विभाग का झटका, ठाणे के कोपरी पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ धोखाधड़ी का मामला

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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ठाणे : नारकोटिक्स कंट्रोल डिवीजन (Narcotics Control Division) (एनसीबी) के मुंबई डिवीजन (Mumbai Division) के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को जोरदार झटका लगा है। दरसअल, ठाणे (Thane) के कोपरी पुलिस स्टेशन में राज्य के आबकारी विभाग (State Excise Department) द्वारा समीर वानखेड़े के खिलाफ धोखाधड़ी (Fraud) का मामला दर्ज किया गया है।

आबकारी विभाग ने वानखेड़े के खिलाफ जान बूझकर उनकी उम्र को गलत तरीके से पेश करने और होटल लाइसेंस प्राप्त करने के लिए शिकायत दर्ज की थी। आरोपों के मुताबिक समीर वानखेड़े ने 1996-97 में ठाणे में सद्गुरु बार एंड रेस्टोरेंट के ठेके में स्टांप पेपर पर अपनी उम्र छुपाई थी, भले ही वह 18 साल से कम उम्र के होने के कारण अनुबंध के लिए योग्य नहीं था।  इस संबंध में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। होटल लाइसेंस पहले ही किया जा चुका निरस्त।

अंतरिम लाइसेंस का नवीनीकरण भी किया गया था

इस बीच, ठाणे जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर ने 2 फरवरी को समीर वानखेड़े के स्वामित्व वाले सद्गुरु बार और रेस्तरां का लाइसेंस रद्द कर दिया है। नवाब मलिक द्वारा इस संबंध में शिकायत दर्ज कराने के बाद कार्रवाई की गई।  लाइसेंस इस आधार पर रद्द कर दिया गया था कि वानखेड़े ने अपनी उम्र को गलत तरीके से पेश किया था। समीर वानखेड़े द्वारा लाइसेंस प्राप्त बार और रेस्तरां वाशी, नवी मुंबई में सद्गुरु बार और रेस्तरां में है। आबकारी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक वाशी के सदगुरू होटल का लाइसेंस वानखेड़े के नाम था।  यह लाइसेंस 27 अक्टूबर 1997 को जारी किया गया था। अंतरिम लाइसेंस का नवीनीकरण भी किया गया था।

हालांकि अब लाइसेंस रद्द कर दिया गया है, फिर भी यह 31 मार्च, 2022 तक वैध था। इसका मतलब है कि जिला कलेक्टर दो महीने पहले ही लाइसेंस रद्द कर चुका है और अब इस कार्रवाई के कारण लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जा सकता है। बार के पास विदेशी औरसाथ ही भारतीय निर्मित शराब बेचने का लाइसेंस था। समीर वानखेड़े ने दिया था स्पष्टीकरण एनसीपी नेता नवाब मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद वानखेड़े ने सफाई दी थी।

वानखेड़े ने यह स्पष्ट किया था कि भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में शामिल होने के बाद से लाइसेंस उनके नाम पर था। समीर के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े को लाइसेंस का कानूनी अधिकार दिया गया था। साथ ही वानखेड़े ने कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं है।  मैं 2006 से अपनी वार्षिक अचल संपत्ति में इस बार और रेस्तरां का जिक्र कर रहा हूं जब मैं सेवा में शामिल हुआ था। मैंने संपत्ति के खाते में इस लाइसेंस का भी उल्लेख किया है। मैंने आयकर रिटर्न दस्तावेजों में इस उद्योग सेहोने वाली सारी कमाई का उल्लेख किया है।