ठाणे

Published: Sep 21, 2022 06:38 PM IST

Municipality Schoolअंबरनाथ नगरपालिका के स्कूलों की हालत बेहद दयनीय, छात्रों को नहीं मिल रही कोई सुविधा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

अंबरनाथ : सर्व शिक्षण अभियान (Education For All Campaign) जैसी गतिविधियों को लागू कर नगरपालिका (Municipality) शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करती रहती है और स्कूलों (Schools) की मरम्मत के लिए नगरपालिका द्वारा हर साल लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन हकीकत में गरीब परिवारों के छात्र-छात्राएं (Students) आज भी नगरपालिका के ऐसे स्कूल में पढ़ने को मजबूर है जहां की छत से पानी चु रहा है, दीवारें गीली है और बेठने को बेंच तक नहीं है। 

अंबरनाथ शहर में जहां निजी अंग्रेजी स्कूलों की संख्या बढ़ रही है। वहीं नगरपालिका के स्कूलों की पट संख्या लगातार घट रही है। नगरपालिका में शहर के एक माध्यमिक विद्यालय सहित कुल 18 स्कूल हैं। इन स्कूलो में करीब 700 छात्र पढ़ते है। नगरपालिका के शिक्षा विभाग का कहना है कि इन स्कूलों में स्कूल से बाहर के बच्चों के साथ-साथ बहुत ही गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा दिलाने का प्रयास किया जाता है। लेकिन शिक्षा विभाग और नगरपालिका  के लोक निर्माण विभाग की भूमिका विद्यालय भवनों की जर्जर स्थिति और वहां की मूलभूत सुविधाओं को लेकर उदासीन है। हर साल शैक्षणिक वर्ष शुरू होने से पहले नगरपालिका स्कूलों की मरम्मत के लिए लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करती है। लेकिन उसके बाद भी हर मानसून में विद्यार्थी गीली कक्षाओं में शिक्षा का पाठ लेने पर विवश है। इसमें वडवली, स्थानीय लोकल बोर्ड और कानसाई में नगरपालिका के स्कूलों के कक्षाओं की स्थिति काफी दयनीय है। 

नगरपालिका की शुद्ध आय 80 करोड़ 

इसलिए कक्षा में प्रवेश करने के बाद विद्यार्थी किताबों की जगह झाड़ू लेकर कक्षा में जमा पानी को हटाते देखे गए है। नगरपालिका के स्कूलों की मरम्मत के लिए हर साल लाखों रुपए खर्च किए जा रहे है। लेकिन उसके बाद भी अधिकांश स्कूलों की हालत खस्ता है इसलिए सवाल उठाया जा रहा है कि क्या वाकई ठेकेदारों द्वारा स्कूलों की मरम्मत की जा रही है। या ठेकेदारों के फायदे के लिए नगरपालिका द्वारा काम कराया जा रहा है। अंबरनाथ नगर परिषद का वार्षिक बजट अनुदान और अन्य राशि लेने के बाद लगभग 400 करोड़ रुपए का बजट है। बताया जा रहा है कि नगरपालिका की शुद्ध आय 80 करोड़ है। इसमें 60 से 70 लाख रुपए का प्रावधान स्कूल मरम्मत और अन्य सुविधाओं के लिए किया गया है। हालांकि इन स्कूलों की हालत खराब होने से नगरपालिका की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है।

स्कूल की दुरुस्ती के विषय को लेकर हाल ही में नगरपालिका के मुख्याधिकारी डॉ. प्रशांत रसाल के साथ मीटिंग हुई थी। सीओ साहब ने तत्काल प्रभाव से संबंधित महकमे को स्कूल को अच्छा बनाए जाने के आदेश दे दिए है। बरसात रुकते ही प्रत्यक्ष रूप से काम शुरू हो जाएगा।

- गजानन मंदाडे, शिक्षण अधिकारी, अंबरनाथ नगरपालिका