न्याय के लिए भटक रहे खुशी पैराडाइज इमारत के रहिवासी, जानें पूरा मामला

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    भिवंडी : मुंबई-नासिक महामार्ग (Mumbai-Nashik Highway) स्थित मानकोली अंजुर गांव खुशी पैराडाइज नामक इमारत निवासी न्याय (Justice) के लिए जिलाअधिकारी, प्रांत अधिकारी, नायब तहसीलदार का दरवाजा खटखटा रहे हैं। खुशी पैराडाइज इमारत के रहवासियों (Residents) का आरोप है कि बुलेट ट्रेन (Bullet Train) के मार्ग में खुशी पैराडाइज इमारत के आने से इमारत खाली करने का नोटिस शासन से मिला है। शासन फ्लैट का ठीक से आर्थिक मुआवजा नहीं दे रहा है। बावजूद फ्लैट खाली करने की धमकी देकर बिजली, पानी काटने में जुटा है। रहिवासियों का कहना है कि बेहद कम आर्थिक मुआवजा मिलने से नया घर खरीदना जहां मुश्किल है। वहीं पुराने घर का बैंक लोन चुकाना बेहद मुश्किल है। भारी बारिश के दौरान घर खाली कर परिवार को लेकर बाहर जाने की चिंता खाए जा रही है। कई परिवार घर खाली किए जाने की चिंता में बीमार पड़ने लगे हैं।

    मिली जानकारी के अनुसार मुंबई से भिवंडी होकर अहमदाबाद जा रही बुलेट ट्रेन के मार्ग में मानकोली अंजूर गांव स्थित खुशी पैराडाइज नामक इमारत भी आई है। 3 मंजिला इमारत में करीब 200 लोग रहते हैं। बुलेट ट्रेन मार्ग निर्माण में खुशी पैराडाइज इमारत आने से राजस्व अधिकारियों ने रहिवासियों से चर्चा के उपरांत आर्थिक मुआवजा दिए जाने का भरोसा देते हुए इमारत को खाली कराए जाने का कार्य शुरू किया है। रहिवासियों का आरोप है कि शासन के अधिकारियों द्वारा पहले ज्यादा आर्थिक मुआवजा देने की बात की गई लेकिन अब मुआवजे की बेहद कम राशि दिए जाने का खुलासा हुआ है। लोगों का गंभीर आरोप है कि 7 वर्ष पूर्व जितना पैसा देकर खुशी पैराडाईज इमारत में फ्लैट खरीदा गया था उतना पैसा भी शासन आर्थिक मुआवजे के तौर पर नहीं दे रहा है। इमारत निवासियों को समुचित आर्थिक मुआवजा दिए बगैर ही बुलेट ट्रेन के अधिकारी, राजस्व कर्मी इमारत को खाली कराने की प्रक्रिया में जुट गए हैं। इमारत रहिवासियों का आरोप है कि 7 वर्ष पूर्व इमारत में फ्लैट खरीदी के लिए बैंक का लोन लिया था। वह अभी तक चुका नहीं पाए हैं। ऐसे में नए घर की खरीदी कहां से संभव है?।

    शासन के मुवावजे से लोन चुकाना भी कठिन

    शासन से मिलने वाला आर्थिक मुआवजा भी पुराने बैंकिंग लोन को चुकाने में खत्म हो जाएगा तो नया घर कहां से खरीदेंगे?। शासन के अधिकारी इमारत खाली करने पर जोर दे रहे हैं लेकिन भारी बारिश में परिवार को लेकर कहां जाएंगे?। इमारत के में रहने वाले दर्जनों लोगों ने भिवंडी नायब तहसीलदार से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई है। इमारत के रहिवासियों ने जिलाअधिकारी राजेश नार्वेकर और भिवंडी प्रांत अधिकारी बालासाहब वाकचौरे से न्याय की गुहार लगाई है। उक्त संदर्भ में प्रांत अधिकारी बालासाहब वाकचौरे का कहना है कि शासन की तय कीमत के अनुसार ही आर्थिक मुआवजा सबको दिया जा रहा है। नियम कानून सबके लिए बराबर है। सबके साथ न्याय किया जाएगा। 

    केंद्रीय मंत्री से भी लगाई गुहार

    इमारत के रहिवासियों ने खुशी पैराडाइज नामक इमारत से कुछ ही दूरी पर रहने वाले केंद्रीय पंचायत राज राज्य मंत्री कपिल पाटिल से राजस्व अधिकारियों द्वारा चर्चा कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।