Bullet Train News

    Loading

    भिवंडी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अमीरों की सुविधा के लिए महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना (‍Bullet Train Project) गरीबों का आशियाना और दुकानदारों का रोजगार छीन रही है। शासन द्वारा गरीबों को उचित मुआवजा (Compensation) भी नहीं दिया जा रहा है। मानकोली स्थित अंजूर गांव होकर मुंबई से अहमदाबाद जाने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना निर्माण मार्ग में करीब 200 लोगों के सिरों से आशियाना, रोजगार छीन रहा है। आरोप है कि बुलेट ट्रेन निर्माण परियोजना से जुड़े अधिकारी मनमानी पूर्ण तरीके से पीड़ितों को आर्थिक मुआवजा देकर निपटाने में जुटे हैं। पीड़ितों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से न्याय की गुहार लगाई है। 

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमीर वर्ग के आवागमन के लिए निर्माणाधीन मुंबई से शुरू होकर भिवंडी से गुजरने वाली बुलेट ट्रेन को अहमदाबाद तक जाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर शासन दर से आर्थिक मुआवजा देने का कार्य तेजी से शुरू है। बुलेट ट्रेन निर्माण के मार्ग में आने वाले रहिवासी मकानों, दुकानों और भूखंड को भी अधिकारियों द्वारा शासकीय कीमत पर मुआवजा चुकाया जा रहा है।

    दिया जा रहा कम मुआवजा

    आश्चर्यजनक तथ्य है कि केंद्रीय पंचायत राज्य राज्य मंत्री कपिल पाटिल के पैतृक गांव के बेहद नजदीक मनकोली अंजुर गांव स्थित खुशी पैराडाइज नामक ग्राउंड सहित 3 मंजिला इमारत निवासी 20 फ्लैट धारकों और 10 दुकानदारों को बिल्डर से खरीदी लागत से कम आर्थिक मुआवजा देकर अधिकारी निपटाने में जुटे हैं। इमारत रहिवासियों की बार-बार अपील के बाद भी अधिकारी मुआवजे की रकम बढ़ाने के लिए कदापि तैयार नहीं हैं। 

    नियमित दे रहे हैं टैक्स 

    खुशी पैराडाइज इमारत निवासी रवि विश्वकर्मा,तारक राय, श्रीरंग कानेटकर, गजेंद्र कुमार,अरविंद परिहार,साईनाथ सावंत,नवीन चालके,सोनल राय, विशेश्वर दयाल,गजेंद्र कुमार, पीरचंद भंसाली, घनश्याम राव,सुशीला शर्मा,रविंद्र जैन, तारा देवी जैन,गजेंद्र सर, गजेंद्र कुमार आदि रहिवासियों का आरोप है कि 7 वर्ष पूर्व राजस्थानी बिल्डर गजेंद्र से 12 से 25 लाख रुपए कीमत देकर देकर 1आरके, 1BHK 2BHK का फ्लैट खरीदा था। ऐसा ही आरोप परियोजना की हद में आने वाले किसानों, इमारत मालिकों, दुकानदार भी लगातार लगा रहे हैं। 7 वर्ष से ग्राम पंचायत और शासन का टैक्स नियमित अदा कर रहे हैं।

    अभी तक नहीं मिली है कोई नोटिस

     बुलेट ट्रेन परियोजना मार्ग निर्माण के लिए जगह फाइनल होने पर जब खुशी इमारत का भी नाम आया तो सभी रहिवासी सन्न रह गए और आशियाना छिन जाने से चिंतित हो गए हैं। इमारत में रह रहे तमाम लोगों ने ग्राम सरपंच, तलाठी, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सहित बुलेट ट्रेन के अधिकारी और जिलाधिकारी से भी मिलकर बताया कि हमने शासकीय नियमों के तहत फ्लैट को खरीदा है। इमारत खाली करने और तोड़ने की कोई नोटिस शासन से नहीं मिली है। बुलेट ट्रेन के अधिकारी गलत तरीके से नाप-जोख कर परियोजना के निर्माण के लिए अन्य जगहों के साथ ही हमारी बिल्डिंग को भी जोड़ दिया है जो सरासर अन्याय है। 

    पानी बंद, अब लाइट कटेगी

    इमारत में रह रहे निवासी रवि विश्वकर्मा सहित तमाम दुकानदारों ने बताया कि शासन सहित सभी जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बाद भी कोई समाधान नहीं मिला है। बुलेट ट्रेन अधिकारियों के पत्र पर कुछ समय पहले ही ग्राम पंचायत ने इमारत का पानी बंद कर दिया है और अब लाइट भी बंद करने की धमकी दी जा रही है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि बिल्डर से नियम कायदों के तहत मकान खरीदी किया है। बुलेट ट्रेन निर्माण मार्ग में हमारी पूरी बिल्डिंग जा रही है जिसका समुचित आर्थिक मुआवजा मिलना चाहिए। आर्थिक मुआवजा  कम मिलेगा तो अभी हमारे फ्लैट पर बैंक का लोन भी बाकी है। बैंक लोन हम कहां से अदा करेंगे और कहां से नया मकान की खरीदी करेंगे? पीड़ितों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से न्याय की गुहार लगाई है। 

    तय दर पर आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा

    इस संदर्भ में अंजूर गांव पंचायत राजस्व कर्मी तलाठी राहुल चित्ते का कहना है कि शासन के निर्देशानुसार बुलेट ट्रेन मार्ग निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन मार्ग निर्माण में आने वाली भूमि, इमारत,दुकान को शासन की तय दर पर आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा।