bhiwandi

    Loading

    भिवंडी: मानकोली (Mankoli), अंजुरफाटा (Anjurphata) से भिवंडी (Bhiwandi) के चिंचोटी (Chinchoti ) तक बीओटी (BOT) के आधार पर विकसित स्टेट हाइवे की हालत इस समय बेहद खराब है। सड़क पर चलना खतरे को दावत देना जैसा हो गया है, जानलेवा गड्ढों (Potholes) की वजह से हो रहे हादसों (Accidents) के बावजूद प्रशासन आंखें मूंदे हुए हैं।

    गौरतलब है कि मालोडी स्थित टोल बूथ पर भारी वाहनों से भारी मात्रा में टोल वसूलने के बावजूद सुप्रीम इंफ्रा प्राइवेट कंपनी और उनका साथ देने वाले लोक निर्माण विभाग की उपेक्षा के कारण इस सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों का सफर बेहद खतरनाक हो गया है।

    सड़कों की मरमम्त की मांग

    भिवंडी लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारी टोल कंपनी के साथ इस सड़क की स्थिति की अनदेखी कर रहे हैं। स्थानीय नागरिक और यात्रियों की मांग है कि इन गैर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और सड़क का शीघ्र से शीघ्र रखरखाव और मरम्मत की जाए। मानकोली अंजुरफाटा से चिंचोटी 28 किमी लंबा राज्य राजमार्ग है। उक्त मार्ग से गुजरात और अन्य राज्यों में वसई-विरार से अहमदाबाद तक माल ले जाने वाले भारी वाहन से अपना माल लाते जाते हैं।टो ल बूथ पर टोल एकत्र किया जाता है, जबकि टोल कंपनी द्वारा सड़क के रखरखाव और मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं देती है।

    होती रहती हैं कई दुर्घटनाएं

    भिवंडी लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इस कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं ।इस सड़क पर करिवली क्षेत्र में मानकोली, वलगांव, अंजुरफाटा, 72 गाला, कालवर, वडघर, खारबाव मालोडी और आगे कामन चिंचोटी तक पूरी सड़क बेहद खराब स्थिति में है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और कई दुर्घटनाएं होती रहती हैं। सड़क जानलेवा बन गई है। सड़क पर जब भी कोई दुर्घटना होती है तो टोल कंपनी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का दावा है कि वे सड़क की मरम्मत कर रहे हैं। बावजूद सड़क की मरम्मत के लिए कोई ठोस योजना लागू नहीं की जा रही है। यह सड़क मौत के जाल के रूप में भी जानी जाने लगी है। 

    अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

    लोगों की जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर से मांग है कि करोड़ों रुपए खर्च कर बनी इस सड़क का स्ट्रक्चर आडिट थर्ड पार्टी सिस्टम द्वारा किया जाए। स्थानीय नागरिकों की सरकार से मांग की है कि उक्त सड़क को इस कंपनी से हटाकर महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम को सौंपा जाए। सड़क की मरम्मत में लापरवाही करने वाले लोक निर्माण विभाग के गैर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाए।