ठाणे

Published: Mar 26, 2023 07:02 PM IST

MLA Rais Sheikhविधानसभा में उठा भिवंडी महानगरपालिका भ्रष्टाचार का मुद्दा, SP विधायक रईस शेख ने की यह मांग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

भिवंडी : भिवंडी महानगरपालिका (Bhiwandi Municipal Corporation) में चल रहे भारी भ्रष्टाचार (Corruption) की जोरदार गूंज विधानसभा (Assembly) में सुनाई पड़ी। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक रईस शेख (MLA Rais Sheikh) ने बजट सत्र के दौरान भिवंडी महानगरपालिका में चल रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से की। विधायक शेख द्वारा उठाए गए भ्रष्टाचार के मुद्दे से भिवंडी महानगरपालिका प्रशासन में हड़कंप मच गया है। 

गौरतलब हो कि भिवंडी महानगरपालिका में चल रहे भारी भ्रष्टाचार की गूंज विधानसभा में सुनाई पड़ी। समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने महानगरपालिका में चल रहे भारी भ्रष्टाचार को विधानसभा के पटल पर रखत हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सख्त कार्रवाई की मांग की। विधायक रईस शेख ने महानगरपालिका प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, भिवंडी महानगरपालिका सिर से पांव तक भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी हुई है। प्रशासक राज्य में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। भिवंडी महानगरपालिका में बगैर पैसे दिए कोई कार्य नहीं होता है। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि अधिकारियों की कमी की वजह से लिपिक के सहारे कार्यभार चलाया जा रहा है। सफाई कर्मचारी से लेकर लिपिक दर्जे के कर्मचारी प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्यरत है। नाली, गटर, सड़क कई बार निर्माण होने के बावजूद भी खस्ताहाल अवस्था में है‌। करोड़ों रुपए खर्च के बावजूद सड़कों की दशा बदहाल है। शहर की सड़कों पर चलना जानलेवा है। महानगरपालिका में कार्यरत अधिकारी, क्लर्क, कर्मचारी, सिपाई तक करप्शन में लिप्त है। टैक्स विभाग भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। संपत्ति टैक्स लगवाने के पहले अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ती है। रिश्वत नहीं मिलने पर संपत्तियों पर टैक्स नहीं लगाया जाता जिससे राजस्व का भारी नुकसान होता है। भ्रष्टाचार की बदौलत गलत तरीके से संपत्तियों के बकाया टैक्स कंप्यूटर से उड़ा कर नए दर और नए वर्ष से टैक्स लगा दिया जाता है। 

नागरिक सुविधा के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार

एक ही सड़क को साल भर में तीन बार मरम्मत और निर्माण होने के बाद भी बरसात के समय सड़क बह जाती है। नाली – गटर के चेंबर और सड़क के नाम पर लाखों रुपये का भष्ट्राचार किया जाता है। महानगरपालिका निर्माण हुए 22 वर्षों के उपरांत भी महानगरपालिका अंतर्गत क्षेत्रों की दशा गांव से भी बदतर है। शहर में स्वच्छता और स्वास्थ्य की समस्या बनी हुई है। 30 बेड का बीजेपी दवाखाना और तीन उप स्वास्थ्य केन्द्र मिल्लत नगर, पदमानगर और ईदगाह परिसर में करोड़ों रूपये खर्च कर बनकर तैयार है बावजूद स्वास्थ्य कर्मियों की कमी होने से पिछले एक वर्षों से बंद पड़ा है। महानगरपालिका बगीचे, तालाब सुंदरीकरण के नाम पर भारी भष्ट्राचार किया जा रहा है। विधायक शेख ने महानगरपालिका प्रशासन की भ्रष्ट कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि महानगरपालिका की आर्थिक हालत खस्ताहाल होने के बाद भी शहर की स्वच्छता और सफाई के नाम पर कचरा ठेकेदार को महानगरपालिका के करोड़ों रुपये के वाहनों को एक रुपये में भाड़े पर देकर भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान बनाया है। ईगल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी की भ्रष्ट कारगुजारी की वजह से भूआरी गटर और मल : निस्सरण केन्द्र भारी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। सरकार और महानगरपालिका का करीब 450 करोड़ रुपया मिट्टी के नीचे दब गया जिसका कोई भी जनहित उपयोग नहीं हो रहा है। भिवंडी महानगरपालिका में सत्तासीन जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की मिलीभगत से विगत 20 वर्षों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। महानगरपालिका की आर्थिक बदहाली का आलम यह है कि ‌कर्मचारियों को‌ वेतन देने के लिए शासन के अनुदान का इंतजार करना पड़ता है। 

सरकार महानगरपालिका कार्यप्रणाली की कराए उच्चस्तरीय जांच

विधायक शेख ने जोर देते हुए कहा कि भिवंडी महानगरपालिका सिर से पांव तक भ्रष्टाचार के दलदल में डूबी हुई है। सरकार द्वारा विकास के लिए दिए गए तमाम फंड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं। भिवंडी महानगरपालिका द्वारा शासन की कोई भी योजना समय से पूर्व नहीं की जा सकी है। शहर में अवैध निर्माण कार्य जोरों से होने से शहर विकास बाधित हो रहा है। धोखादायक इमारतों को तोड़ने के नाम पर मकान मालिकों और जमीन मालिकों से महानगरपालिका अधिकारियों द्वारा पैसे का भारी लेनदन किया जाता है। धोखादायक इमारतें समय से नहीं तोड़े जाने की वजह से कई बार दर्जनों लोगों की जान भी चली गई लेकिन महानगरपालिका प्रशासन को भ्रष्टाचार के सिवाय कुछ दिखाई नहीं पड़ता है। विधायक रईस शेख ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से विगत वर्षों में भिवंडी महानगरपालिका प्रशासन द्वारा अंजाम दिए गए कार्यों की ऑडिट और उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है।