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Published: Sep 30, 2021 10:39 PM IST

Miraj Riotमिराज दंगे: शिवसेना, BJP और NCP के नेताओं को बड़ी राहत; अदालत ने 106 लोगों को किया आरोप मुक्त 

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

सांगली. मिराज शहर (Miraj) में हुए सांप्रदायिक दंगों (Communal Riots) के मामले में गुरुवार को सांगली जिला सत्र न्यायालय (Sangli District Session Court) ने 106 लोगों को आरोप मुक्त कर दिया है। यह दंगे साल 2009 में गणेशोत्सव (Ganeshotsav) के दौरान हुए थे। जहां मिराज और सांगली में लगभग 15 दिनों तक दंगे चले।

शहर में 2009 के दंगों के लिए राजनीतिक नेताओं सहित 110 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जिसका असर तत्कालीन विधानसभा चुनावों में महसूस किया गया था। जिसके बाद गठबंधन सरकार ने दंगों के मामलों को खारिज करने के लिए अदालत में एक आवेदन दायर किया था।जिस पर फैसला सुनाते हुए जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.पी. पोल ने इस मामले से 106 लोगों को आरोप मुक्त कर दिया।

मिराज दंगों में पुलिस ने 110 लोगों पर पुलिस और नागरिकों पर पथराव कर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। इस मामले की सुनवाई सांगली जिला न्यायालय में चल रही थी। इससे पहले इस मामले पूर्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल, विधायक सुरेश खाड़े, पूर्व पार्षद मकरंद देशपांडे और नगरसेवक पांडुरंग कोरे को 2017 में आरोप मुक्त कर दिया गया था।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा, आरोपियों द्वारा किए गए कार्य और उनकी संलिप्तता स्पष्ट नहीं होती। केवल गवाहों के आधार पर आरोपियों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। रिकॉर्ड पर कागजात और सबूत पर्याप्त नहीं हैं। जिससे आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने से सार्वजनिक शांति भंग हो सकती है।

क्या हुआ था?

शिवसेना ने 2009 में गणेशोत्सव के दौरान मिराज शहर में अफजल खान के वध को लेकर एक फलक लगाया था। फलक पर एक आपत्तिजनक बयान लिखा गया था। जिसके बाद मिराज शहर में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे। दस-पंद्रह दिनों तक मिराज शहर दंगों में घिरा रहा। दंगों का असर सांगली जिले के साथ-साथ पड़ोसी कोल्हापुर जिले में भी महसूस किया गया।

दंगे के दौरान मिराज-सांगली में 15 दिनों के लिए सख्त कर्फ्यू लगाया गया था। दंगों में सांगली नगर निगम के तत्कालीन एनसीपी मेयर मैनुद्दीन बागवान, शिवसेना के जिला प्रमुख बजरंग पाटिल और मिराज शिवसेना के मेयर विकास सूर्यवंशी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के 111 लोग शामिल थे।