उत्तर भारत

Published: Jan 01, 2022 03:27 PM IST

Crime Against Womenमहिलाओं के खिलाफ अपराध की करीब 31 हजार शिकायतें मिलीं, आधे मामले UP से: एनसीडब्ल्यू

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध की करीब 31,000 शिकायतें मिलीं थी जो 2014 के बाद सबसे अधिक हैं। इनमें से आधे से ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश के थे। महिलाओं के खिलाफ अपराध की शिकायतों में 2020 की तुलना में 2021 में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई, उस वक्त 23,722 शिकायतें प्राप्त हुईं थीं।  

एनसीडब्ल्यू के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 30,864 शिकायतों में से, अधिकतम 11,013 सम्मान के साथ जीने के अधिकार से संबंधित थीं। इसके बाद घरेलू हिंसा से संबंधित 6,633 और दहेज उत्पीड़न से संबंधित 4,589 शिकायतें थीं। सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सबसे अधिक 15,828 शिकायतें दर्ज की गईं, इसके बाद दिल्ली में 3,336, महाराष्ट्र में 1,504, हरियाणा में 1,460 और बिहार में 1,456 शिकायतें दर्ज की गईं।  

आंकड़ों के मुताबिक, सम्मान के साथ जीने के अधिकार और घरेलू हिंसा से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुईं। एनसीडब्ल्यू को 2014 के बाद से प्राप्त शिकायतों की संख्या पिछले साल सबसे अधिक रही। 2014 में कुल 33,906 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने इससे पहले कहा था कि शिकायतों में वृद्धि इसलिए हो रही है क्योंकि आयोग लोगों को अपने काम के बारे में ज्यादा जागरूक बना रहा है।  

शर्मा ने कहा, “इसके अलावा, आयोग ने हमेशा महिलाओं की मदद के लिए नई पहल शुरू करने का काम किया है। इसके अनुरूप, हमने जरूरतमंद महिलाओं को सहायता सेवाएं प्रदान करने के और उनकी शिकायतें दर्ज करने के लिए चौबीसों घंटे का एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है।” जुलाई से सितंबर 2021 तक, हर महीने 3,100 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, आखिरी बार 3,000 से अधिक शिकायतें नवंबर, 2018 में प्राप्त हुईं, जब भारत का ‘मी टू’ आंदोलन अपने चरम पर था।  

एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के शील भंग या छेड़छाड़ के अपराध के संबंध में 1,819 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, बलात्कार और बलात्कार के प्रयास की 1,675 शिकायतें, महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की 1,537 और साइबर अपराधों की 858 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। 

साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी प्रदान करने की दिशा में काम करने वाली एक गैर-लाभकारी संस्था, ‘आकांक्षा श्रीवास्तव फाउंडेशन’ की संस्थापक, आकांक्षा श्रीवास्तव ने कहा कि जब शिकायतें बढ़ती हैं तो यह अच्छी बात है क्योंकि इसका मतलब है कि अधिक महिलाओं में बोलने का साहस है और अब इसके लिए मंच उपलब्ध है और वे जानती हैं कि कहां शिकायत करनी है। (एजेंसी)