उत्तर भारत

Published: Sep 26, 2022 11:49 PM IST

Rajasthan Political Crisisसोनिया को कल रिपोर्ट सौंपेंगे पर्यवेक्षक, गहलोत समर्थक कुछ नेताओं पर हो सकती है कार्रवाई

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नयी दिल्ली/जयपुर. कांग्रेस की राजस्थान इकाई में संकट को लेकर पार्टी के दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन मंगलवार तक अपनी लिखित रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपेंगे और इसके बाद ‘अनुशासनहीनता’ के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी के निर्देशानुसार, दोनों पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट कल उन्हें सौंपेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या गहलोत समर्थक कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है तो कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “अगर पार्टी ने रविवार के घटनाक्रम को अनुशासनहीनता माना है तो फिर ऐसे में कार्रवाई होना संभव है।”

इस बीच, अपनी राजस्थान इकाई में चल रहे संकट को दूर करने के लिए पार्टी नेतृत्व प्रयास कर रहा है और इसी क्रम में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ गहन मंत्रणा की। माना जा रहा है कि कमलनाथ के गहलोत से अच्छे रिश्ते हैं और वह संकट को सुलझाने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

जयपुर में विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों के वस्तुत: बागी रुख अपनाने के बाद खड़गे और माकन सोमवार को दिल्ली लौटे तथा 10 जनपथ पहुंचकर सोनिया गांधी से मुलाकात की। कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी बैठक में मौजूद थे। सोनिया गांधी के साथ डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के बाद माकन ने कहा कि जयपुर में रविवार शाम विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति से बुलाई गई थी।

माकन ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने और खड़गे जी ने राजस्थान के घटनाक्रमों के बारे में सोनिया जी को विस्तार से बताया। कांग्रेस अध्यक्ष ने हमसे पूरे घटनाक्रम पर लिखित रिपोर्ट मांगी है। आज रात या कल सुबह तक हम यह रिपोर्ट दे देंगे।”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस विधायक दल की कल शाम जो बैठक हुई थी वो उनके (मुख्यमंत्री) कहने पर और उनकी सहमति के आधार पर और उनके बताए स्थान पर रखी गई थी। कांग्रेस अध्यक्ष का निर्देश था कि हर विधायक की अलग अलग राय जानकर रिपोर्ट दी जाए। सबसे बात करके फैसला होता।”

एक सवाल के जवाब में माकन ने कहा, ‘‘जब कांग्रेस विधायक दल की औपचारिक बैठक की जाती है तो उसके समानांतर कोई भी बैठक बुलाई जाती है तो वह प्रथम दृष्टया अनुशासनहीनता है। यह बात हमने कांग्रेस अध्यक्ष के समक्ष रखी है।”

उधर, गहलोत के करीबी राजस्‍थान के संसदीय कार्य मंत्री शांत‍ि धारीवाल ने माकन पर पलटवार करते हुए सोमवार को आरोप लगाया क‍ि वह पार्टी के विधायकों से पक्षपातपूर्ण तरीके से बात कर रहे थे। उन्होंने संवाददाता सम्‍मेलन में कहा, ‘‘महासचिव व प्रदेश प्रभारी (माकन) पर मेरा आरोप है कि वह पक्षपातपूर्ण तरीके से यहां के विधायकों से बात कर रहे थे। कई दिनों से लगातार ये सूचनाएं आ रही थीं कि वह सचिन पायलट के पक्ष में प्रचार करने के लिए कहा करते थे। वह विधायकों को उनसे जुड़ने के लिए कहा करते थे, हमारे पास इसके सबूत हैं।”

कांग्रेस के अनेक विधायकों व मंत्रियों ने पार्टी आलाकमान में निष्ठा जताई है। हालांकि उन्‍होंने कहा है कि राज्य में किसी भी बदलाव से पहले उनकी बात सुनी जाए। विधानसभा में मुख्‍य सचेतक, मंत्री महेश जोशी ने कहा कि गहलोत समर्थक विधायकों की मांग है कि दो साल पहले के संकट के समय सरकार के साथ खड़े रहे व‍िधायकों में से ही किसी को मुख्‍यमंत्री बनाया जाए।

उल्‍लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्‍यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ. सीपी जोशी से म‍िलने चले गए।