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Published: Jul 13, 2021 07:46 PM IST

Plantation72वां वन महोत्सव में शामिल सीएम ने पौधारोपण कर प्रकृति के संरक्षण का दिया संदेश, वन महोत्सव के दिन पूरे राज्य में लगेंगे 5 लाख पौधे

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

ओमप्रकाश मिश्र 

रांची. झारखंड (Jharkhand) का सम्मान यहां के जंगल (Forests), पहाड़ (Mountains) और नदियां (Rivers) हैं। अगर ये समाप्त हुए तो राज्य (State) का सम्मान स्वतः समाप्त हो जाएगा। हमारे पूर्वजों ने हम सब के लिए प्रकृति का अमूल्य उपहार छोड़ा है। अगर जल, जंगल और जमीन को नहीं सहेज सके तो यह दुःखद होगा। ये जीवन जीने के आधार हैं। पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) की बातें तो हम बहुत करते हैं। अगर उन बातों पर हम खरा उतरे तो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचेगा। वनों के महत्व को समझने की आवश्यकता है। लेकिन चिंता का विषय भी हमारे समक्ष है, कि जिस प्रकार हम विकास की सीढ़ियां चढ़ रहें हैं उससे विनाश को भी आमंत्रण दे रहें हैं। अगर सामंजस्य नहीं बैठाया तो मानव को ही खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

वन, पर्यावरण और जलवायु विभाग द्वारा गांधीग्राम, महेशपुर अनगड़ा में आयोजित 72 वें वन महोत्सव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बतौर मुख्य अतिथि उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि आधार भूत संरचना और उद्योग के लिए विकास के नाम पर पहाड़ और खदान खोदे जा रहें हैं। जंगल उजड़ रहें  हैं, इस दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव का सृजन पानी के इर्दगिर्द हुआ है। यह विकास के मार्ग को भी प्रशस्त करता है। जल कई युगों तक हमें संभाल सकता है। रांची में कई बड़े तालाब और डैम हैं। लेकिन ऐसे जगहों पर बन रहे कंक्रीट के जंगल अच्छा संकेत नहीं दे रहे हैं। इन जलाशयों के संरक्षण के प्रति हम गंभीर नहीं हुए तो गंभीर परिणाम देखने को मिल सकता है। 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निदेश दिया कि सरकारी खाली भूमि पर पौधरोपण का कार्य करें। साथ ही, वन विभाग लोगों के बीच फलदार पौधा का वितरण करे। ताकि लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो सकें। इस मौके पर मुख्यमंत्री को वन, पर्यावरण और जलवायु विभाग की ओर से प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया। 

आयोजित कार्यक्रम में राज्यसभा सदस्य  धीरज प्रसाद साहू, खिजरी विधायक  राजेश कच्छप, अपर मुख्य सचिव एल. खिंग्याते,  मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रियेश कुमार वर्मा, वन विभाग के पदाधिकारी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।