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Published: Oct 12, 2021 08:16 PM ISTJharkhandPM मोदी के सलाहकार बने झारखंड में सेवा दे चुके आईएएस अधिकारी अमित खरे
-ओमप्रकाश मिश्र
रांची : अमित खरे (Amit Khare) को पीएमओ (PMO) में बतौर सलाहकार (Advisor) प्रतिनियुक्त किया गया है। अमित बतौर आईएएस अधिकारी (IAS Officer) झारखंड (Jharkhand) में अपनी सेवा दे चुके है। उनकी नियुक्ति दो साल के अनुबंध पर की गयी है। इससे पहले अमित खरे सूचना प्रसारण और उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के पद पर कार्यरत्त थे और 30 सितंबर को सेवानिवृत हुए थे। अपनी 36 साल की सेवा अवधि में उन्होंने जनहित के कई उल्लेखनीय कार्य किये हैं। अमित खरे ने जहां भी अपनी सेवा दी, वहां की जनता उन्हें एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रुप में याद करती है।
अमित खरे भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1985 बैच के झारखंड कैडर के अधिकारी हैं। अपने सेवाकाल में उन्होंने केन्द्र, झारखंड और बिहार सरकार में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। उनके कार्यकाल के तक़रीबन 34 साल के बाद भारत में नयी शिक्षा नीति 2020 लागू की गयीI विशेषज्ञों ने इस नीति को भारत को विश्वगुरु बनाने का मास्टर प्लान बताया है। अमित खरे को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलाव किए जाने का श्रेय जाता है। आईआईटी, आईआईएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने पर उन्होंने जोर दियाI साथ ही तकनीकी संस्थानों में इनोवेशन को बढ़ावा दिया। जिसका फायदा देश की जनता को कोरोना काल में देखने को मिला। अमित खरे अगस्त 2021 तक केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव के अतिरिक्त प्रभार में भी कार्यरत्त रहे।
अमित खरे ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले
अपने कार्यकाल में उन्होंने डीडी झारखंड सहित एक दर्जन सैटेलाइट चैनलों को लांच किया, वहीं दूरदर्शन और आकाशवाणी को नयी ऊंचाई तक ले जाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इनकी आधारभूत संरचना को मजबूत बनाने की योजना को उन्होंने पुरजोर प्रयास किया। डिजिटल मीडिया पॉलिसी सहित प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की मजबूती के लिए कई कदम उठाए। ओटीटी प्लेटफार्म को लेकर जारी नीति को उन्होंने अंतिम रुप दिया। अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव गोवा को वैश्विक पहचान दिलाने में भी अमित खरे ने योगदान दिया। खरे ने राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के भाषणों के संकलन सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर पुस्तकों का प्रकाशन कराया। झारखंड के पहले वाणिज्यकर आयुक्त अमित खरे को ही बनाया गया था। शिक्षा, वित्त और राज्यपाल के प्रधान सचिव से लेकर विकास आयुक्त का पद भी उन्होंने संभाला।
चारा घोटाले में दर्ज कराई थी पहली प्राथमिकी
झारखंड के चाईबासा जिले के उपायुक्त के पद पर कार्य करते हुए खरे ने डायन हत्या के खिलाफ सामाजिक जागरुकता अभियान चलाया, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर डायन हत्या के खिलाफ मामला खुलकर सामने आने लगा। अमित खरे बिहार के पटना और दरभंगा जिलों में जिलाधिकारी के पद पर भी कार्य कर चुके है। उन्होंने बिहार में मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा कंबाइंड करा कर मेधा घोटाला को रोका। उन्हें चारा घोटाला का उद्भेदनकर्ता माना जाता है। चाईबासा उपायुक्त रहते हुए उन्होंने चारा घोटाला में पहली प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जिसके बाद कई हाईप्रोफाइल जेल गए और उन्हें सज़ा मिली। इस वजह से उन्हें कुछ दिनों तक तत्कालीन शासन का कोपभाजन भी बनना पड़ा था, लेकिन वे अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहे। उनकी पत्नी निधि खरे फिलहाल केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अपर सचिव के पद पर पदस्थापित हैं। अमित खरे को प्रधानमंत्री का सलाहकार नियुक्त किए जाने से झारखंड के लोगों में हर्ष का माहौल है।