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Published: Aug 04, 2021 09:42 PM IST

Exam Resultझारखंड में हजारों छात्रों को अनुतीर्ण घोषित किये जाने पर छात्रों का उबला गुस्सा, इंटरनल नंबर देने में लापरवाही बरती गई है

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

ओमप्रकाश मिश्र

रांची. झारखंड (Jharkhand) में दसवीं की परीक्षा (Tenth Examination) में इस वर्ष एक ओर जहां साजिया सुल्तान 99.2%, रुपाली 99%, तमन्ना महापात्रा और अदिति मिश्रा 98.6 अंक प्राप्त कर राज्य भर में अपना कीर्तिमान स्थापित किया, वहीं चार दिन पहले झारखंड एकेडमिक काउंसिल (Jharkhand Academic Council) (जैक) की ओर से जारी किए गए इंटर के रिजल्ट पर सवाल उठने लगे हैं। फेल छात्र रिजल्ट में अनियमितता का आरोप लगाकर चौक चौराहों, सड़कों  पर प्रदर्शन पर उतर आये हैं।

नाराज छात्रों ने न सिर्फ काउन्सिल मुख्यालय में उग्र प्रदर्शन किया बल्कि राज्य के शिक्षा मंत्री के आवास पर भी पहुंच गए। काउन्सिल द्वारा 10वीं बोर्ड का रिजल्ट स्कूलों की इंटर्नल मार्किंग के आधार पर जारी किया गया है, जिसमे सैकड़ों छात्रों को फेल घोषित कर दिया गया है, इससे छात्र-छात्राएं सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन पर उतर आये। 

स्कूल के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए है

झारखंड के रांची, धनबाद और जमेशेदपुर जिलों में आज भारी संख्या में विद्यार्थियों ने झारखंड एकेडमिक काउन्सिल प्रबंधन  के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।   रांची, हरमू स्थित नमन विद्यालय एवं क्राउन पब्लिक स्कूल के बाहर छात्रों ने जमकर  हंगामा किया। स्थिति बेकाबू होता देख स्कूल के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं। इसके अलावा डोरंडा के मेकॉन चौक के पास भी विद्यार्थी सड़क पर बैठ गए। छात्रों का आरोप है कि जिन छात्रों का 9वीं और 11वीं में अच्छे मार्क्स थे उन्हें भी जैक ने फेल कर दिया है। जिनके मार्क्स कम थे, उन्हें टॉपर बना दिया गया है।

छात्रों का आरोप यह भी है कि जैक द्वारा 11वीं परीक्षा के अंक तय फॉर्मूले के अनुसार जोड़े नहीं गए हैं। इसलिए फेल हो गए हैं। फेल छात्र रांची समेत राज्य के अन्य जिलों में भी में हंगामा कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधन के घोर अनियमितता के खिलाफ आज छात्रों ने हरमू चौक पर धरना प्रदर्शन किया I स्कूल प्रबंधन पर यहां के छात्रों और अभिभावकों का आरोप है की परीक्षा के समय सभी विद्यार्थियों से 24 हजार रुपये जमा कराये गए और जब रिजल्ट आया तो उसमे अधिकांश छात्र फेल घोषित किये साथ इंटरनल मार्किंग के तहत उन्हें बहुत कम प्राप्तांक मिले है I इस बार इंटर में तीनों स्ट्रीम मिलाकर 34,243 स्टूडेंट्स फेल हुए हैं। सबसे ज्यादा आर्ट्स में 19,433 स्टूडेंट्स फेल हुए हैं। इसके अलावा साइंस में 11,555 स्टूडेंट्स तो कॉमर्स में 3,255 स्टूडेंट्स फेल करार दिए गए हैं। इन्हीं छात्रों में घोर नाराजगी है।

स्कूल की ओर से द्वारा इंटरनल नंबर देने में लापरवाही बरती गई है

कल तक जैक के स्टूडेंट्स जहां बोर्ड पर नंबर में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे थे आज सीबीएससी  के स्कूलों पर आरोप लगाकर अभिभावक और छात्रों  ने जमकर हंगामा किया। छात्रों  का आरोप है कि स्कूल मैनेजमेंट ने पैसे लेकर और हॉस्टल में रहने वाले बच्चों को ज्यादा नंबर दिए हैं। जबकि पिछले वर्ष 9वीं क्लास में टॉपर रहे बच्चे 50 से 60% के बीच अंक पाए हैं। विद्यार्थियों  का आरोप है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने 1 साल के बकाया फीस जमा करने को कहा जिन छात्रों ने अपनी बकाया फीस जमा कर दी, उन्हें सही नंबर दिया गया। छात्रों  का आरोप है कि उनका प्री बोर्ड और 9वीं कक्षा में 70 से 80 फीसदी नंबर आए थे, पर बोर्ड के रिजल्ट में उन्हें 50 फीसदी ही नंबर आये हैं। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल की ओर से द्वारा इंटरनल नंबर देने में लापरवाही बरती गई है। इसके कारण उनके बच्चों के खराब नंबर आये हैं। अब उनके बच्चों को प्लस-टू में अच्छे स्कूलों में एडमिशन नहीं मिलेगा। वे स्कूल पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगा कर हंगामा किया।

इधर नाराज छात्रों और जैक अधिकारियों के बीच वार्ता हुई। जैक की तरफ से सभी फेल छात्रों को उन्हें फेल होने का कारण बताया गया। इस पर छात्रों ने बताया कि वे इससे सहमत नहीं हैं। जैसे राज्य के अन्य क्लास के बच्चों को पास किया गया है उन्हें भी उसी तरह पास किया जाए। इस पर जैक अधिकारी ने कहा कि नियम के हिसाब से ही यहां छात्रों को पास और फेल किया गया है।

फेल छात्रों के लिए जैक की तरफ से एक और विकल्प दिया गया है। इसी महीने जैक  सप्लिमेंट्री परीक्षा का आयोजन करने जा रहा है। इसमें फेल छात्रों के अलावा ऐसे छात्र भी शामिल हो सकते हैं, जो अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं हैं। जैक के अधिकारियों के मुताबिक, इस बार इस परीक्षा के नियमों में संशोधन किया गया है। पहले यह अधिकतम तीन विषयों के लिए होता था। इस बार सभी विषय में छात्र शामिल हो सकते हैं। यह पूरी तरह नि:शुल्क होगा।