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Published: Sep 21, 2021 09:41 PM IST

Asha Lakdaरांची नगर निगम के अधिकारियों ने सफाई का काम कर रही एजेंसियों को निगम का दामाद बनाकर रखा है: महापौर आशा लाकडा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

ओमप्रकाश मिश्र 

रांची. रांची (Ranchi) की महापौर आशा लकड़ा (Mayor Asha Lakda) और नगर आयुक्त मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) के बीच आन की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। मेयर आशा लकड़ा के द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक (Review Meeting) की आज चौथी बार नगर आयुक्त द्वारा अनदेखा किये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आशा लकड़ा ने कहा कि जन विरोधी मानसिकता के कारण मंगलवार को शहर की सफाई व्यवस्था की समीक्षा बैठक नहीं हो पाई। समीक्षा बैठक की पूर्व  लिखित सूचना देने के बाद भी समीक्षा बैठक में न तो नगर आयुक्त आए और न ही स्वास्थ्य शाखा (Health Branch) के अधिकारी और कर्मचारी।

आशा लकड़ा ने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। परंतु नगर आयुक्त लगातार मेयर के निर्देशों को दरकिनार कर रांची नगर निगम में अपना वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेयर को रांची शहर की जनता ने चुना है।  इसलिए मेयर होने के नाते मेरा यह कर्तव्य है कि आम लोगों की समस्याओं का त्वरित गति से समाधान हो।  रांची शहर के कुछ इलाकों का जिक्र करते हुए लकड़ा ने कहा कि अरगोड़ा चौक के समीप और कुंज विहार कॉलोनी में बारिश के पानी से जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है।

समस्या के समाधान की उम्मीद लगाए बैठे हैं

अरगोड़ा चौक के समीप जलजमाव की समस्या के समाधान के लिए रांची नगर निगम के अभियंताओं ने मुख्य सड़क के किनारे पाइप बिछा दिया है । अब जेयूआईडीसीओ कंपनी के अभियंता नाली का निर्माण कर रहे हैं। कुंज विहार कॉलोनी में स्थानीय लोगों के घर में नाली का दूषित पानी प्रवेश कर रहा है। लोग रांची नगर निगम से इस समस्या के समाधान की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ऐसी विकट परिस्थिति में भी नगर आयुक्त को कोई चिंता नहीं है। अरगोड़ा के स्थानीय लोग भी यह कह रहे हैं कि अधिकारी भ्रष्टाचार का खेल- खेल रहे हैं।

सड़क पर मार्बल और टाइल्स लग जाते

पहले ह्यूम पाइप बिछाया, अब नाली का निर्माण कराया जा रहा है। फिर भी समस्या वैसी ही बनी है । आशा लकड़ा ने कहा कि अब तक इस समस्या के समाधान पर जितनी राशि खर्च की गई, उससे सड़क पर मार्बल और टाइल्स लग जाते। स्थानीय लोग यह भी कह रहे हैं कि अधिकारी लोग ही राज्य सरकार को भ्रष्टाचार करने की पट्टी पढ़ा रहे हैं। मेयर ने यह भी कहा कि शहर की स्थित नारकीय हो गई है। सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। जगह-जगह कूड़े के ढेर नजर आ रहे हैं।

मोटी राशि का भुगतान किया जा रहा है

रांची नगर निगम के अधिकारियों ने सफाई का काम कर रही एजेंसियों (मेसर्स जोंटा और मेसर्स सीडीसी  ) के निगम को  दामाद बनाकर रखा है। रांची नगर निगम क्षेत्र के अधिकांश वार्डों में निगम के ट्रैक्टर्स से कूड़े का उठाव किया जा रहा है, जबकि बिना काम किए डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव का कार्य कर रही एजेंसी ( मेसर्स सीडीसी  ) को मोटी राशि का भुगतान किया जा रहा है। आशा ने मिडिया का हवाला देते हुए कहा कि मीडिया में प्रकाशित खबरों के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि मेसर्स सीडीसी  को प्रतिमाह लगभग एक करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा है। इसी प्रकार रांची नगर निगम क्षेत्र में दो सौ से अधिक स्मार्ट डस्टबीन लगाने के लिए मेसर्स जोंटा को तीन करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

दाल में कुछ तो काला है

मेयर ने यह भी कहा कि मीडिया के माध्यम से प्रकाशित की गई खबरों में सच्चाई है तो नगर आयुक्त को सहस्र इसे स्वीकार करना चाहिए। साथ ही संबंधित एजेंसियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। परंतु नगर आयुक्त की चुपी और समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य शाखा के अधिकारियों का नहीं आना कहीं न कहीं यह संकेत दे रहा है कि दाल में कुछ तो काला है। यदि नगर आयुक्त समेत अन्य अधिकारी ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं तो डंके की चोट पर सच्चाई बयां करें।