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Published: Dec 29, 2020 12:25 PM ISTराजकोट 10 साल से कमरे में कैद थे तीन भाई-बहन, पिता ने कहा रिश्तेदारों ने किया ‘काला जादू’
गुजरात (Gujarat) के राजकोट (Rajkot) से एक ऐसा मामला (Case) सामने आया है जो आपका दिल दहला देगा। यहाँ तीन भाई-बहन (Brother Sister) ने खुद को 10 साल (10 Years) से एक कमरे (Room) में बंद कर रखा था। दो भाई और एक बहन ने 10 साल से बहार की रोशनी (Light) को देखा तक नहीं था। इन्होंने खुद को कमरे की चार दिवारियों में कैद कर लिया था। जिसके बाद इन्हें एक गैर सरकारी संगठन (Non government organization) और उनके पिता की सहायता से कमरे के बाहर निकाला गया। इन भाई बहन की उम्र 30 से 42 वर्ष के बीच है।
दरवाज़ा तोड़कर बाहर निकाला-
माँ के निधन के बाद हुई ये हालत-
NGO की अधिकारी बताती हैं कि, दो भाई जिनका नाम अमरीश और भावेश है और बहन का नाम मेघना है। उन्होंने खुद को लंबे समय से एक कमरे में कैद कर रखा था। जिसकी वजह से उनकी हालत बेहद ख़राब हो गई थी। वह ढंग से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। उनकी शारीरिक हालत भी अस्त-व्यस्त हो चुकी थी। जलपा के मुताबिक, उनके पिता ने बताया है कि करीब 10 साल पहले इन तीनों की माँ का निधन हो गया था, जिसकी वजह से इन्हें ऐसा सदमा लगा कि इन्होंने खुद को कमरे में बंद कर लिया। तब से यह तीनों इसी स्थिति में रह रहे थे।
ग्रेजुएट हैं तीनों भाई-बहन-
काला जादू किया गया-
इन तीनों के पिता नवीन मेहता एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी है। वह भी इसिया घर में रहते हैं. उन्हें हर महीने 35,000 रुपये पेंशन मिलती है। जिससे वह अपना घर चलाया करते हैं। वह बताते हैं कि पत्नी के मौत के बाद बच्चों ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था, वह रोज़ कमरे के बहार खाना रख दिया करते थे। वहीं पिता ने कुछ रिश्तेदारों पर इलज़ाम लगाया है कि उन्होंने उनके बच्चों पर कला जादू कर दिया है, जिसकी वजह से उनके बच्चों कि यह हालत हो गिया है। इस बात की शिकायत उन्होंने पुलिस से भी की थी, लेकिन उन्होंने कोई भी शिकायत दर्ज नहीं की।
उपचार के लिए भेजने का प्रबंध-
NGO के मुताबिक, यह तीनों भाई बहन मानसिक रूप से बीमार हैं। इसलिए NGO उन्हें जल्द ही उपचार के लिए भेजने का प्रबंध कर रही है। साथ ही एनजीओ तीनों को ऐसे स्थान पर भेजने की योजना बना रहा है, जहां उन्हें बेहतर भोजन भी मिल सके और उनका ख्याल भी रखा जाए। इसके अलावा NGO को इस बात की सुचना पड़ोसियों ने दी थी। जब इन तीनों को बहार निकाला गया तो वह बहुत बुरी हालत में जिसके बाद नाई को बुलवाकर इनके बाल कटवाए गए, इन्हें नहलाया गया और साफ़ कपड़े पहनाए गए।