उत्तर प्रदेश

Published: Feb 08, 2022 09:10 PM IST

UPइंटरनेट का प्रयोग करते समय रहें सावधान, वर्ना हो सकता है नुकसान : प्रो. मुकुल श्रीवास्तव

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

जौनपुर: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (Veer Bahadur Singh Purvanchal University) के जनसंचार विभाग द्वारा कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य की प्रेरणा से सुरक्षित इंटरनेट दिवस के अवसर पर सुरक्षित इंटरनेट: सामाजिक आवश्यकता और महत्व विषयक ऑनलाइन सेमिनार (Online Seminar) का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. मुकुल श्रीवास्तव (Prof. Mukul Srivastava) ने कहा कि आज इंटरनेट (Internet) हम सबके जीवन का अहम हिस्सा हो गया है। भारत में इंटरनेट के उपयोगकर्ताओं की  संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। आज मोबाइल लोगों के हाथों में है जिससे वह दुनिया की सैर कर रहे हैं, लेकिन हमारे देश की बहुत बड़ी आबादी को उसके सुरक्षित प्रयोग की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इन्टरनेट के सही और सुरक्षित उपयोग के लिए डिजिटल साक्षरता और जागरुकता दोनों को बढ़ाना होगा। 

उन्होंने कहा कि आज इन्टरनेट के जरिए साइबर अपराधों की बाढ़ आ गई है। रोज ठगी और जालसाजी के नए मामले सामने आ रहे हैं। साइबर अपराधी पकड़े भी जा रहे हैं, लेकिन पुलिस के पास संसाधनों की कमी की वजह से बहुत सारे मामलों में कोई एक्शन नहीं हो पाता है। 

सुविधा के नाम पर अपनी निजता से समझौता कर रहे 

प्रो. मुकुल श्रीवास्तव ने कहा कि इन्टरनेट और निजता पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मोबाइल के बहुत सारे एप्लीकेशन और कई वेबसाइट हमारी निजता में सेंधमारी कर रही है, जिसकी जानकारी तक हमें नहीं होती है। उन्होंने कहा कि हम सुविधा के नाम पर अपनी निजता से समझौता कर रहे है। 

कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति

प्रश्नोत्तरी सत्र में प्रो. मुकुल ने इन्टरनेट सुरक्षा और प्रयोग से जुड़ें प्रतिभागियों के सवालों का जवाब दिया। वेबिनार के समन्वयक विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र ने मुख्य अतिथि  का स्वागत किया। कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने संचालन और डॉ. सुनील कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय, प्रो. वी. डी. शर्मा, प्रो. देवराज, प्रो. राजेश शर्मा, डॉ. विजेंदु चतुर्वेदी, डॉ. राजेश कुशवाहा, डॉ. सतीश जैसल, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. चंदन सिंह, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, शशिकांत यादव, डॉ. मिथिलेश यादव, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. रिचा शर्मा समेत देश के विभिन्न भागों से प्रतिभागी जुड़ें।