उत्तर प्रदेश

Published: Jul 09, 2021 08:13 PM IST

New Population Policyजनसंख्या स्थिरीकरण के लिए होंगे ठोस प्रयास, विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) को मुख्यमंत्री जारी करेंगे जनसंख्या नीति-2021-30

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
लखनऊ.  25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जनसंख्या स्थिरीकरण (Population Stabilization) की जरूरतों को देखते हुए, राज्य सरकार नई जनसंख्या नीति (New Population Policy) घोषित करने वाली है। वर्ष 2021-30 की अवधि के लिए प्रस्तावित नीति के माध्यम से एक ओर जहां परिवार नियोजन कार्यक्रम  (Family Planning Program) के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक (Contraceptive) उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाना और सुरक्षित गर्भपात (Safe Abortion) की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी। वहीं, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता/बांझपन की समस्या के सुलभ समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयास भी किए जाएंगे। नवीन नीति में एक अहम बिंदु 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है। 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नवीन जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करेंगे। 
 
गुरुवार को लोकभवन में नवीन जनसंख्या नीति 2021-30 के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, आबादी विस्तार के लिए गरीबी और अशिक्षा बड़ा कारक है। कुछ समुदाय में भी जनसंख्या को लेकर जागरूकता का अभाव है। ऐसे में समुदाय केंद्रित जागरूकता प्रयास की जरूरत है। प्रदेश की वर्तमान जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त हो चुकी है। अब नई नीति समय की मांग है। प्रस्तुतिकरण के अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए जागरूकता और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ सभी जरूरी प्रयास किए जाएं।जागरूकता प्रयासों के क्रम में उन्होंने स्कूलों में “हेल्थ क्लब” बनाये जाने के निर्देश भी दिए। साथ ही, डिजिटल हेल्थ मिशन की भावनाओं के अनुरूप नवजातों, किशोरों और वृद्धजनों की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नई नीति तैयार करते हुए सभी समुदायों में जनसांख्यिकीय संतुलन बनाये रखने, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं की सहज उपलब्धता, समुचित पोषण के माध्यम से मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाने का प्रयास होना चाहिए। नई नीति के उद्देश्यों में सतत विकास लक्ष्य के भावना निहित हो।  
 
इससे पहले अपर मुख्य सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अमित मोहन प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रस्तावित जनसंख्या नीति प्रदेश में एनएफएचएस-04 सहित अनेक रिपोर्ट के अध्ययन के उपरांत तैयार की जा रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-05 की रिपोर्ट जल्द ही जारी होने वाली है।  नवीन नीति जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों को तेज करने वाली होगी। इसमें 2026 और 2030 तक के लिए दो चरणों में अलग-अलग मानकों पर केंद्रित लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं।