उत्तर प्रदेश

Published: May 25, 2022 05:23 PM IST

Ground Breaking Ceremonyयूपी में निवेश के लिए आईटी, खाद्य प्रसंस्करण सबसे पसंदीदा क्षेत्र

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की उद्योग और निवेश के मामले में बन रही अग्रणी छवि की वजह से विश्व की शीर्ष कंपनियां अब प्रदेश में इकाइयां लगाने की इच्छुक हो रही हैं। पिछले पांच वर्षों में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और इलेक्ट्रानिक्स, खाद्य और खाद्य प्रसंस्करण और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में प्रदेश में बड़े स्तर पर निवेश (Investment) हुआ है। ऐसा करने वाली कंपनियों में वे भी शामिल हैं जो दुनिया के कई देशों में कार्यरत हैं।

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को और ऊंचे स्तर पर ले जाने के लिए तीसरी ग्राउन्ड ब्रेकिंग सेरमोनी (Third Ground Breaking Ceremony) आगामी 3 जून को प्रस्तावित है जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की उपस्थिति में 2,000 से अधिक इकाइयों के लिए भूमिपूजन किया जाएगा। इस अवसर पर देश के प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट समूहों के 60 से अधिक उद्योगपति भी उपस्थित रहेंगे। इन इकाइयों पर लगभग 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश प्रस्तावित है। 

3 जून को तीसरी ग्राउन्ड ब्रेकिंग सेरमोनी 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रतिष्ठित समारोह के आयोजन को सफलता पूर्वक सम्पन्न करने की दिशा में सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं और इसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। मुख्य समारोह 3 जून को लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तीसरी ग्राउन्ड ब्रेकिंग सेरमोनी आयोजित किया गया है। इसके बाद यूपी देश के प्रमुख औद्योगिक राज्य के रूप में स्थापित हो जाएगा। प्रस्तावित आयोजन देश-विदेश के औद्योगिक समूहों का उत्तर प्रदेश में विश्वास बढ़ने का प्रतीक है। पिछले पांच वर्षों में योगी सरकार ने प्रदेश में औद्योगीकरण और निवेश के लिए सरल व सहज वातावरण बनाया है।

4118.39 रुपए का निवेश प्रस्तावित 

मुख्यमंत्री योगी ने फरवरी 2018 में पहले इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुई पहली जीबीसी सम्पन्न में  61,800 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को जमीन पर उतारा गया था। दूसरी जीबीसी जुलाई 2019 में आयोजित की गई, जिसमे रु 67,000 करोड़ रुपए के 290 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। प्रस्तावित तीसरी जीबीसी पूर्व में आयोजित दोनों आयोजनों से अधिक विस्तृत है। यदि प्रस्तावों की संख्या की बात करें, तो सर्वाधिक 474 प्रस्ताव खाद्य प्रसंस्करण विभाग के हैं, जिन पर 4118.39 रुपए का निवेश प्रस्तावित है। 

शीर्ष कंपनियों के लिए निवेश का पसंदीदा स्थान बना यूपी 

निवेश की धनराशि की बात करें, तो सबसे अधिक निवेश रु 20,587.05 करोड़ रुपए का है जो आईटी और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र में है, जबकि प्रोजेक्ट की संख्या केवल 14 है। यह इस बात का भी द्योतक है कि इस क्षेत्र में एक प्रोजेक्ट पर कितना अधिक निवेश किया जाता है। इस क्षेत्र में प्रस्तावित इकाइयां हैं डाटा सेंटर की स्थापना, आईटी और आईटी-ईएस केंद्र की स्थापना और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना। स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र में विश्व की शीर्ष कंपनियों के लिए निवेश का पसंदीदा स्थान बन चुका है। अन्य विभाग जिनमे प्रोजेक्ट की संख्या अधिक है, वे हैं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन  या एफएसडीए (59), सहकारिता (24), पर्यटन (23), आवास (23), अतिरिक्त ऊर्जा के स्त्रोत (20), आबकारी (13), वस्त्र (12), पशुधन (6), उच्च शिक्षा (4) व दुग्ध उत्पादन (3)।

प्रस्ताव इस प्रकार हैं

औद्योगिक सुविधा प्रदान करने वाली संस्थाओं में सबसे अधिक प्रस्ताव इस प्रकार हैं: उप्र स्टेट इन्डस्ट्रीअल डेवलपमेंट अथॉरिटी – सीडा (647), नोएडा (47), उप्र एक्स्प्रेससवे इन्डस्ट्रीअल डेवलपमेंट अथॉरिटी – यूपीडा (25), ग्रेटर नोएडा (17), गोरखपुर इन्डस्ट्रीअल डेवलपमेंट अथॉरिटी – गीडा (14), यमुना एक्स्प्रेससवे इन्डस्ट्रीअल डेवलपमेंट अथॉरिटी – यीडा (7) और इंफ्रास्ट्रक्चर व इन्डस्ट्रीअल डेवलपमेंट विभाग – आईआईडीडी (3)। 

सीएम योगी ने दिए हैं निर्देश

यह पिछले पाँच वर्षों में लगातार किए गए प्रयासों और प्रोत्साहन देने वाली नीतियों की वजह से ही संभव हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा संबंधित विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि औद्योगिक निवेश के लिए मार्ग सदैव प्रशस्त रखा जाए और ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ की दिशा में लगातार काम होता रहे। इसमे कंपनियों का पंजीकरण, स्थापना, उनके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति में सहूलियत और ऐसा वातावरण बनना शामिल है, जिसमे वे कर्मचारी सहज महसूस करें जो विदेशों और देश के बड़े शहरों में काम कर चुके हैं। इसी कारण मल्टीनैशनल और विदेशी कंपनियों की उप्र में लगातार रुचि बनी हुई है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि अलग-अलग क्षेत्रों के शीर्ष उद्योग समूहों द्वारा जिस स्तर की रुचि यूपी में दिखाई जा रही है, उसके फलस्वरूप न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लाखों की संख्या में रोजगार भी सृजित होंगे।