उत्तर प्रदेश

Published: Mar 31, 2022 05:06 PM IST

Yogi Government 2.0कोई भी मरीज इलाज के बिना अस्पताल से वापस न जाए: सीएम योगी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
सीएम योगी आदित्यनाथ (Photo Credits-ANI Twitter)

लखनऊ: योगी सरकार 2.0 (Yogi Govt. 2.0) प्रदेशवासियों को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं (Health Facilities) देने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने साल 2017 से प्रदेश में चिकित्‍सीय सुविधाओं में तेजी से इजाफा किया है तो वहीं कोरोना संक्रमण से प्रदेशावासियों को बचाने के लिए टीके का कवच दिया। योगी सरकार 2.0 ने कोरोना संक्रमण के साथ ही दूसरी बीमारियों को मात देने की तैयारी कर ली है।

यूपी में 2 अप्रैल को सिद्धार्थ नगर (Siddharth Nagar) से संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत होने जा रही है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने आला अधिकारियों के उच्‍चस्‍तरीय बैठक में संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत करने के आदेश दिए हैं। उन्‍होंने अधिकारियों को अभियान से जुड़ी सभी तैयारियों को पूरा को कहा है।

सिद्धार्थ नगर से होगी शुरुआत

सीएम ने बैठक में कहा कि प्रदेश में आमजन के बेहतर स्वास्थ के लिए इस अभियान के माध्यम से जागरूकता, इलाज और सुविधाओं के उच्चीकरण के साथ साथ स्टॉफ की तैनाती को गति दी जाए। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के निर्देशानुसार प्रशासन और स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने रणनीति तैयार कर ली है। सिद्धार्थनगर से शुरू होने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान को लेकर विभाग सभी प्रकार की तैयारियों को समय से पूरा करने के आदेश सीएम ने दिए हैं। सीएम ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में मरीजों को किसी प्रकार की कोई समस्या न आए। इस बात को चिकित्सा विभाग सुनिश्चित करें। उन्‍होंने बैठक में कहा कि कोई भी मरीज इलाज के बिना अस्पताल से वापस न जाए। अस्पतालों में फुल ओपीडी की व्यवस्था को भी सुनिश्चित किया जाए।

आशा कार्यकत्रियां घर-घर जाकर करेंगी हेल्थ सर्वे

मलेरिया, डेंगू, वायरल बुखार जैसी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण और दिव्यांग, कुपोषित बच्चो की खोज के लिए इस अभियान को शुरू किया जाएगा। अभियान के तहत आशा कार्यकत्रियां घर-घर जाकर हेल्थ सर्वे करेंगी। खांसी-जुकाम जैसे लक्षण वाले मरीजों के साथ ही मलेरिया, डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियों के मरीजों की तलाश करेंगी। अगर सर्वे के दौरान ऐसे मरीज मिलते हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा अभियान मे कुपोषित बच्चों की जानकारी जुटाने का निर्देश दिया गया है। दस्तक अभियान के तहत टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोजकर उनकी जांच कराई जाएगी।