उत्तर प्रदेश

Published: Dec 29, 2021 06:04 PM IST

Sugarcane Price Paymentगन्ना मूल्य भुगतान में सिर्फ बात नहीं, यूपी सरकार ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़े

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Representational Pic

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी सरकार (Yogi Government) ने पिछली दो सरकारों से अधिक गन्ना मूल्य भुगतान (Sugarcane Price Payment) किया है। सरकार ने पौने पांच साल में डेढ़ लाख करोड़ से अधिक का भुगतान किया है, जबकि पिछली सरकारों के 10 साल के कार्यकाल में बसपा (BSP) और सपा (SP)मिलकर भी इतना भुगतान नहीं कर पाईं, जितना योगी सरकार ने किया है। फर्क साफ है कि गन्ना किसानों को लेकर योगी सरकार ने सिर्फ बात नहीं की, बल्कि उनकी आमदनी दोगुनी करने की दिशा में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। 

योगी सरकार ने पेराई सत्र 2021-22 में 4,907.98 करोड़, 2020-21 में 30,547.23 करोड़, पेराई सत्र 2019-20 में 35,898.85 करोड़, 2018-19 में 33,048.06 करोड़ और 2017-18 के 35,444.06 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। साथ ही पिछले पेराई सत्रों का 10,661.38 करोड़ सहित अब तक कुल 1,50,508 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान कराया जा चुका है, जो वर्ष 2012 से 17 के बीच गन्ना मूल्य भुगतान के मुकाबले 55,293 करोड़ और वर्ष 2007 से 12 के बीच गन्ना मूल्य भुगतान के मुकाबले 98,377 करोड़ अधिक है।

गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन में भी बनाया रिकॉर्ड

वर्तमान पेराई सत्र 2021-22 में अब तक प्रदेश में संचालित 119 चीनी मिलों ने 292.01 लाख टन गन्ने की पेराई और 28.14 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। प्रदेश का औसत चीनी परता 9.64 प्रतिशत है। गत तीन पेराई सत्रों एवं पेराई सत्र 2020-21 को मिला कर प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा 4,289 लाख टन रिकार्ड गन्ने की पेराई कर 475.68 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन किया।

सरकार की नीतियों के कारण बढ़ा गन्ना क्षेत्रफल

वर्तमान पेराई सत्र 2021-22 में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 27.60 लाख हेक्टेअर और गन्ना उत्पादन 2,250 लाख टन रहने का अनुमान है। पेराई सत्र 2016-17 में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेअर था, जो वर्तमान पेराई सत्र 2021-22 में बढ़कर 27.60 लाख हेक्टेअर हो गया है। गन्ना क्षेत्रफल में हुई इस वृद्धि से साफ है कि सरकार की नीतियों के कारण किसानों का रुझान गन्ने की खेती की ओर बढ़ रहा है।