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    लखनऊ: ‘भारत दुनिया का स्टार्टअप हब (Startup Hub) बन गया है’, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गत मंगलवार को आईआईटी कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में दावा किया। जिसे लेकर अब यह कहा जा रहा है कि भारत को दुनिया का स्टार्टअप (Startup) बनाने में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की अहम भूमिका है, क्योंकि देश में स्थापित 75 से अधिक यूनिकोंर्स और 50 हजार से अधिक स्टार्टअप में से कई प्रमुख यूनिकोंर्स और स्टार्टअप उत्तर प्रदेश में स्थापित हैं। इनमें पेटीएम (Paytm) और पिन लैब्स जैसे यूनिकोंर्स हैं। राज्य की नई स्टार्टअप नीति आने के बाद से यूपी में 20 गुना स्टार्टअप बढ़े हैं और इनमें हजारों लोगों को रोजगार मिला है। कुल मिलकर उत्तर प्रदेश अब देश का नया स्टार्टअप हब बन रहा है।  

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में लोगों को रोजगार मुहैया कराए जाने के तैयार किए गए रोडमैप के चलते यह संभव हो रहा है। सूबे की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई नई औद्योगिक नीतियां तैयार की। इसी क्रम में बड़े पैमाने पर प्रदेश में रोजगार सृजन की संभावनाओं को दिशा देते हुए नई स्टार्टअप नीति-2020 को मंजूरी दी गई। उ.प्र. सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति-2017 को पूरी तरह से बदल कर नई स्टार्टअप नीति तैयार की गई।

    कई रियायतें देने की घोषणा 

    इस नीति में सरकार ने नए स्टार्टअप स्थापित करने पर जोर देते हुए नए स्टार्टअप स्थापित करने वाले युवाओं को कई रियायतें देने की घोषणा की। यूपी की नई स्टार्टअप को युवा कारोबारियों ने हाथों हाथ लिया और देखते ही देखते इस 3800 से अधिक स्टार्टअप राज्य में स्थापित किए गए, जबकि वर्ष 2017 के पहले प्रदेश में महज 200 स्टार्टअप स्थापित हुए थे। यूपी में युवाओं को स्टार्टअप की स्थापना में रूचि लेते देख प्रदेश सरकार ने 100 नए इनक्यूबेटर सेंटर और 10 हजार नए स्टार्टअप स्थापित करने का फैसला लिया। इन इनक्यूबेटर सेंटर के जरिए मैनेजमेंट ट्रेनिंग या अन्य जरूरी सेवाएं देकर नई स्टार्टअप कंपनियों को विकसित करने पर जोर दिया जाना था। 

    स्टार्टअप नीति-2020 में संशोधन 

    औद्योगिक विकास विभाग के अफसरों के अनुसार, फार्मा उद्योग के स्टार्टअप को स्टार्टअप नीति से जोड़ने के लिए बीते अक्टूबर में प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप नीति-2020 में संशोधन कर उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2021 को मंजूरी दे दी है। इस नीति में संयंत्र, मशीनरी के निवेश पर पूंजीगत सब्सिडी देने का फैसला किया गया। यह सब्सिडी कुल निवेश राशि का 15 फीसदी होगी और अधिकतम 200 करोड़ रुपये तक हो सकेगी। इसी के साथ हर फार्मा पार्क की स्थापना पर कई तरह की रियायतें देने का ऐलान किया गया। इस नीति से उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020 में स्थापित स्टार्टअप फंड के उपयोग से चिकित्सा के क्षेत्र में स्थापित स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल यूपी की नई स्टार्टअप नीति युवा कारोबारियों को पसंद आ रही है, जिसके चलते नोएडा में 1500 से अधिक स्टार्टअप स्थापित किए जा चुके हैं। जबकि गाजियाबाद में 600, लखनऊ में 575 और बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र के जिलों में करीब 1800 स्टार्टअप स्थापित हुए हैं। 

    लोगों को मिल रहा है रोजगार

    सूचना प्रौद्योगिकी व जनित सेवा क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, टेक्सटाइल व अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्थापित हुए नए स्टार्टअप में लोगों को रोजगार मिल रहा है। राज्य में 50,000 हजार से अधिक लोगों को राज्य में स्थापित हुए स्टार्टअप में रोजगार मिला है। फिलहाल नई स्टार्टअप नीति यूपी में एक सक्षम बिजनेस एनवायरमेंट को बढ़ावा दे रही है। चिकित्सा और स्वास्थ्य, कृषि, खादी, ऊर्जा, शिक्षा, परिवहन, पर्यटन आदि के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित स्टार्टअप यूपी को नई दिशा दे रहें हैं। स्टार्टअप के जरिये यूपी सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाले राज्यों में शामिल हो रहा। इन सब के चलते ही राज्य में स्थापित स्टार्टअप देश को स्टार्टअप हब बनाने में अहम रोल निभा रहें हैं।