उत्तर प्रदेश

Published: May 09, 2023 11:17 AM IST

The Kerala Story Tax Free'द केरल स्टोरी' पर मचा राजनीतिक घमासान, बंगाल में बैन तो यूपी में टैक्स फ्री हुई फिल्म

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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मुंबई: सुदीप्तो सेन की फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ अब पूरी तरह राजनीति का अखाड़ा बन चुकी है। पिछले दिनों जहां इस फिल्म को पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूरी तरह बैन कर दिया है, वहीं इस फिल्म को उत्तर प्रदेश सरकार ने टैक्स फ्री कर दिया है। इस आशय की घोषणा करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘इस फिल्म को सभी राज्यों में टैक्स फ्री कर देना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आतंकियों का असली चेहरा देख सकें।’

शांति कायम रखने के लिए फिल्म बैन

इस फिल्म को बैन करने को लेकर ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘राज्य में शांति बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। वह चाहती हैं कि इस फिल्म को लेकर राज्य में कोई हिंसा या नफरत न फैले। बताया जा रहा है कि जिन थियेटरों में ये फिल्म लगी है, वहां से इसे हटाया जाएगा। वहीं, तमिलनाडु थियेटर एसोसिएशन ने भी इस फिल्म की स्क्रीनिंग रोक दी है। हालांकि राज्य सरकार की तरफ से कोई फरमान जारी नहीं किया गया है।

फिल्म के नाम पर राजनीतक जोर आजमाइश

बता दें कि इससे पहले ‘द केरला स्टोरी’ को मध्य प्रदेश सरकार ने भी टैक्स फ्री कर दिया था। उसके बाद केरल सरकार ने फिल्म को बैन करने की घोषणा कर दी। इस तरह ये फिल्म राजनीति में जोर आजमाइश का साधन बनती जा रही है।

शबाना आजमी ने रोक लगाने वालों का किया विरोध

इसी बीच शबाना आजमी ने फिल्म को बैन करने का विरोध करने वालों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, ‘द केरल स्टोरी’ को बैन करने की मांग करने वाले ‘लाल सिंह चड्ढा’ को बैन करने की मांग करने वाले लोगों की तरह ही गलत हैं। एक बार फिल्म सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन से पार कर दी गई तो बाकी लोगों को एक्स्ट्रा कॉन्स्टिट्यूशन अथॉरिटी बनने की जरूरत नहीं है।

विवादों बना फिल्म के हिट होने का फार्मूला

इन तमाम विरोध के बावजूद फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इस फिल्म ने अब तक करीब 35 करोड़ का कारोबार कर सबको चौंका दिया है। बता दें कि ‘द केरल स्टोरी’ की कहानी केरल की एक निर्दोष हिंदू महिला के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका इस्लामिक दोस्तों द्वारा ब्रेनवॉश कर उसका धर्म परिवर्तन किया जाता है। बाद में उसे आईएसआईएस आतंकवादी संगठन में भेज दिया गया। इस फिल्म को लेकर जबरदस्त विवाद छिड़ा हुआ। कई मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन इस विरोध का फिल्म की सेहत पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है। शायद विवादों के कारण ही ये नॉन स्टारर मूवी बॉक्स ऑफिस पर कामयाब होती दिखाई दे रही है।