उत्तर प्रदेश
Published: Jun 02, 2023 05:43 PM ISTLucknow-Kanpur CorridorNCR की तर्ज पर लखनऊ के आसपास बनेगा SCR, सात जिले होंगे शामिल
-राजेश मिश्र
लखनऊ: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की तर्ज पर लखनऊ के करीब के सात जिलों की जमीन को मिलाते हुए राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) बनाया जाएगा। इसी के साथ राजधानी लखनऊ (Kanpur) और कानपुर (Kanpur) के बीच नए औद्योगिक और आवासीय क्षेत्र बनाए जाएंगे। लखनऊ-कानपुर कॉरिडोर (Lucknow-Kanpur Corridor) को केंद्र बनाते हुए प्रदेश सरकार विकास के काम कराएगी। एससीआर का प्राथमिक नोड भी कानपुर को बनाया जाएगा। सबसे पहले कानपुर को इसमें शामिल करते हुए वहां विकास के कामों की शुरुआत की जाएगी। एनसीआर की तर्ज पर विकसित होने वाले एससीआर में किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति के लिए अलग से प्राधिकरण भी बनाया जाएगा।
लखनऊ की मंडलायुक्त रौशन जैकब के मुताबिक, एससीआर में लखनऊ के अलावा कानपुर, कानपुर देहात, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर और हरदोई जिलों को शामिल किया जाएगा। इसके बाद एससीआर की कुल आबादी 2.9 करोड़ हो जाएगी, जबकि इसका क्षेत्र 34,000 वर्ग किलोमीटर होगा। लखनऊ और कानपुर को एससीआर के तहत मेगा सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इन दोनों शहरों की कुल आबादी 72 लाख है जो कि प्रदेश का 12.5 फीसदी है। राष्ट्रीय राजमार्ग, रेल मार्ग और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, अंतर्राष्ट्रीय व घरेलू हवाई अड्डे की मौजूदगी के साथ इन दोनों शहरों को मेगा सिटी के रूप में विकसित किए जाने पर आबादी का दबाव एनसीआर में कम होगा।
जल्द बनेगा डीपीआर
प्रदेश सरकार के मुख्य नगर एवं ग्राम्य नियोजन (सीटीसीपी) विभाग ने एससीआर और मेगा सिटी के गठन और विकास की योजना पर काम करने के लिए सलाहकार संस्था के चयन का काम शुरु कर दिया है। जल्द की सलाहकार संस्था का चयन उससे डीपीआर बनाने को कहा जाएगा। प्रदेश सरकार की योजना राजधानी लखनऊ को दिल्ली पर दबाव कम करने के लिए काउंटर मैग्नेट सिटी बनाने की है। साथ ही इसके एससीआर बन जाने के बाद आबादी की जरूरतें पूरा करने का दबाव आसपास बढ़ जाएगा। लखनऊ से सटे सातों जिलों में तेजी से शहरी अवस्थापना सुविधाओं का विकास होगा। अभी तक राजधानी लखनऊ के करीब के बाराबंकी जिले में ही सबसे ज्यादा विकास हुआ है, जबकि एससीआर बनने के बाद हरदोई, सीतापुर और रायबरेली का भी समुचित विकास कराया जाएगा।
सभी सातों जिले ग्रीन कॉरिडोर से जुड़ा जाएंगे
राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के किनारे बन रहे 28 किलोमीटर लंबे ग्रीन कॉरिडोर के शहीद पथ और आउटर रिंग रोड से जोड़ा जाएगा। इसके बाद एससीआर के सभी सातों जिले ग्रीन कॉरिडोर से जुड़ा जाएंगे। कॉरिडोर के दोनों ओर नियमों को शिथिल करते हुए आठ मंजिला तक ऊंचे भवन बनाने की अनुमति दी जाएगी।