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Published: Nov 13, 2023 11:09 AM IST

Tamil Nadu Silent Diwaliएक दिवाली ऐसी भी, इस राज्य के 7 गांव में होती हैं 'साइलेंट' दिवाली, नहीं फोड़े जाते पटाखे, जानें क्या है वजह

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
(डिजाइन फोटो)

तमिलनाडु: कल यानी रविवार (12 नवंबर) को देश में धूमधाम से दिवाली (Diwali 2023) का त्योहार मनाया गया। दिवाली त्यौहार जैसे ही है हम बोलते हैं तो हमारे जेहन में बहुत सारी लाइटिंग, दिये और पटाख़े आते है। हर जगह इस खास दिन पर दिए जलाएं जाते हैं और मिठाइयां बांटकर एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। पटाख़े फोड़कर आतिशबाजी की जाती है। लेकिन आपको बता दें कि भारत में एक ऐसा राज्य है जहां के एक-दो नहीं बल्कि 7 गांव साइलेंट दिवाली (Silent Diwali) मनाते हैं। चौंक गए न? अब आपके मन में यह सवाल आया होगा कि धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार शांति के साथ कैसे मनाते है? बिना पटाखों के ये कैसी दिवाली? तो आइए जानते है इन्हीं सारे सवालों के जवाब… 

एक दिवाली ऐसी भी.. 

आपको बता दें कि भारत में तमिलनाडु (Tamil Nadu) एक ऐसा राज्य है जहां के 7 गांव दिवाली पर सिर्फ दीप प्रज्वलित कर इस त्यौहार को मनाया मनाते हैं वो भी बिना किसी आवाज और शोर शराबे के। दरअसल तमिलनाडु के इरोड जिले के सात गांवों में इस त्योहार को सिर्फ रोशनी के साथ मनाया जाता और नजदीकी पक्षी अभयारण्य में पक्षियों के संरक्षण के मद्देनजर पटाखे नहीं (No firecrackers in Tamil Nadu) फोड़े जाते। 

‘शांत’ दीपावली 

मिली जानकारी के मुताबिक, ये गांव इरोड से 10 किलोमीटर दूर वदामुगम वेल्लोड के आसपास स्थित हैं। यहां पक्षी अभयारण्य (Bird Sanctuary) है।  इस साल भी, सेलप्पमपलयम, वदामुगम वेल्लोड, सेम्मांडमपालयम, करुक्कनकट्टू वलासु, पुंगमपाडी और दो अन्य गांवों ने ‘शांत’ दीपावली मनाई। आपको बता दें कि शांत दिवाली की यह परंपरा सालों से चलती आ रही है जिसे इस साल भी बरकरार रखा गया। 

22 सालों से साइलेंट दिवाली

वे पिछले 22 सालों से दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़कर इस संरक्षण दृष्टिकोण का पालन कर रहे हैं। पक्षियों की हजारों स्थानीय प्रजातियां और अन्य क्षेत्रों से प्रवासी पक्षी अक्टूबर और जनवरी के बीच अंडे देने और उन्हें सेने के लिए अभयारण्य में आते हैं। 

नहीं फोड़ते पटाखे

आपको बता दें कि दिवाली आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में आती है, इसलिए पक्षी अभयारण्य के आसपास रहने वाले 900 से अधिक परिवारों ने पक्षियों के सरंक्षण के मद्देनजर पटाखे नहीं फोड़ने का फैसला किया क्योंकि तेज आवाज और प्रदूषण के कारण पक्षियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसी वजह से यहां पुरे शांति के साथ दिवाली मनाई जाती है। 

दुनिया के लिए आदर्श है ये गांव 

तमिलनाडु राज्य के इन गावों में रहने वालों का कहना है कि दीपावली के दौरान, वे अपने बच्चों के लिए नए कपड़े खरीदते हैं, दीप प्रज्वलित करते हैं और उन्हें केवल फुलझड़ियां जलाने की अनुमति देते हैं, पटाखे फोड़ने की अनुमति नहीं देते हैं ताकि पक्षियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। इसी तरह इन पक्षियों के लिए ये लोग शांतिपूर्ण दिवाली मनाते है जो देश और दुनिया के लिए मिसाल हैं। समाज का हिस्सा होते हुए अन्य जीव भी हमारी जिम्मेदारी है, इसलिए हमें उनका ख्याल रखना चाहिए।