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Published: Apr 02, 2022 01:25 PM IST

Never Give Upजाको राखे साइयां मार सके न कोई, जहरीले सांप के मुंह से निकल कर मेंढक ने यूं बचाई जान, देखें वीडियो

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
(Screengrab From Video Tweeted By Susanta Nanda IFS)

नई दिल्ली: कहते है न आत्मविश्वास इंसान को हर वो एक चीज दिला सकता है जो वो चाहता है, भले ही वो कितना भी कठिन क्यों न हों, वैसे ही आपने सुना ही होगा ‘जाको राखे साइयां मार सके न कोई’, ऐसा ही कुछ इस वायरल वीडियो में देखने के लिए मिल रहा है। दरअसल इस वीडियो में एक नन्हे मेंढक की जीने की चाह आपको दिखेगी, जो सांप के मुहं में जाकर फिर बड़े कोशिशों के बाद वापस आ जाता है। 

सांप के मुंह में मेंढक का पैर 

जो जिंदगी में कभी हार नहीं मानता वह सब कुछ हासिल कर सकता है, जी हां और ये साबित कर दिखाया एक मेंढक ने। दरअसल इस मेंढक ने किसी आम जीव नहीं बल्कि एक बढ़े जहरीले सांप से खुद को आज़ाद कर लिया है। मेंढक ने जो किया वह एक आम मादमी भी नहीं कर पाता है। अक्सर हम इंसानी जीव छोटी-छोटी बात पर निराश होकर हार मान बैठते है, लेकिन मेंढक ने सांप के पकड़ में आ जाने के बाद भी उम्मीद नहीं छोड़ी। दरअसल सांप ने मेंढक के पैर को अपने मुंह में दबा लिया, फिर भी मेंढक चलता रहा, तब तक जब सांप ने हार नहीं मान ली। 

सांप के मुंह में जाकर भी जीती जंग 

आपको बता दें कि इस प्रेरणादायक वीडियो को IFS सुशांत नंदा के ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। ये कमाल का वीडियो। जैसा की आप वीडियो में देख सकते है कि सांप ने मेंढक को अपना शिकार बनाने में करीब-करीब सफलता हासिल कर ही ली थी। वो उसे अपने मुंह में दबाने में कामयाब हो गया था। कमजोर हौसले वाला कोई होता तो वहीं सरेंडर कर देता और और उसकी मौत हो जाती, लेकिन उस छोटे से मेंढक ने ऐसा नहीं किया। 

 

मेंढक ने नहीं मानी हार 

जहां मेंढक का एक पैर सांप ने अपने मुंह में पकड़ा रखा था वही  वो एक पैर के बल पर ही खुद को बचाने की कोशिश करता रहा। इतना ही नहीं बल्कि  और भाग कर एक बाउंड्री वॉल पर चढ़ने लगा। दीवार पर अपनी पकड़ को उसने इतना मजबूती से बनाए रखा कि सांप चाहकर भी उसे नीचे नहीं खींच पा रहा था। पर उस जाबाज़ मेंढक ने हार नहीं मानी। एक पैर और दो हाथों के दम पर वो खुद को खींचता रहा। साथ-साथ सांप भी घसीटता चला गया और आखिर में वही हुआ जो मेहनत, हौसला, हिम्मत बनाए रखने वालों के साथ होता है। सांप की पकड़ ढीली पड़ी और मेंढक की जान बच गई, बड़े तेजी से फिर मेंढक वहां से चलता बना।