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Published: May 17, 2022 03:39 PM IST

Mysterious Ballगुजरात में आसमान से गिरा रहस्यमयी धातु का गोला, जांच में जुटा सरकारी महकमा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
PIC: Twitter

अहमदाबाद: पिछले दिनों गुजरात के कुछ गांवों में धातु के चार गोले आसमान से गिरे हैं जिनके बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि यह अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहनों के ईंधन भंडारण टैंक या चीनी रॉकेट का मलबा हो सकता है। आणंद के पुलिस उप अधीक्षक बी डी जडेजा ने ”पीटीआई-भाषा” को बताया कि आणंद जिले के दगजीपुरा, खंभोलाज और रामपुरा गांव और पड़ोसी खेड़ा जिले के भुमेल गांव में लगभग 1.5 फुट व्यास वाले,धातु के खोखले गोले 12 से 13 मई के बीच गिरे हैं। 

उन्होंने कहा कि इन वस्तुओं से कोई घायल नहीं हुआ, जो फिलहाल आणंद पुलिस के कब्जे में है। जडेजा ने कहा ‘‘हमारे प्राथमिक विश्लेषण से पता चला है कि ये धातु के गोले उपग्रह से संबंधित हो सकते हैं। आगे के विश्लेषण के लिए हमने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ-साथ अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला से परामर्श करने का निर्णय लिया है।” अमेरिका के खगोलशास्त्री जोनाथन मैकडॉवेल ने 12 मई को एक ट्वीट में कहा कि ये धातु के गोले चीनी रॉकेट चांग झेंग 3बी का मलबा हो सकते हैं। चांग झेंग 3बी को सीजेड 3बी के नाम से जाना जाता है। 

उन्होंने कहा कि मलबा रॉकेट के ‘‘पुन:प्रवेश” के दौरान गुजरात में गिरा होगा। मैकडॉवेल ने ट्वीट में लिखा ”चांग झेंग 3बी सीरियल वाई86 रॉकेट के तीसरे चरण ने सितंबर 2021 में जेडएक्स-नाईन-बी संचार उपग्रह को प्रक्षेपित किया था। इस राकेट ने उसके बाद किसी समय फिर से कक्षा में प्रवेश किया था।” इसरो के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक बी एस भाटिया ने कहा कि ये धातु के गोले रॉकेट और उपग्रहों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन टैंक हो सकते हैं, जो एक प्रकार के तरल ईंधन ‘‘हाइड्राज़िन” को संग्रह करने के लिए उपयोग किया जाता है।   

आमतौर पर रॉकेट में इस तरह की व्यवस्था होती है कि खाली भंडारण टैंकों को स्वचालित रूप से अलग किया जा सके और ईंधन की पूरी तरह से खपत होने के बाद ये टैंक जमीन पर गिर सकें। भाटिया ने कहा ‘‘ये बड़े गोले हाइड्राजिन के भंडारण टैंक हो सकते हैं। यह एक बहुत ही सामान्य ईंधन है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से उपग्रहों को उनकी कक्षा में रखने के लिए किया जाता है। इस तरल ईंधन का उपयोग रॉकेट में भी किया जाता है।” (एजेंसी)