विदेश

Published: Dec 10, 2020 08:06 PM IST

नेपाल-हिंदू राष्ट्रनेपाल में उठी 'हिंदू राष्ट्र' की मांग, संवैधानिक राजशाही बहाली को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन 

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

काठमांडू: नेपाल (Nepal) की संवैधानिक राजशाही (Constitutional Monarchy) की बहाली और देश को ‘हिंदू राष्ट्र’ (Hindu Rashtra) घोषित करने की मांग ज़ोर पकड़ने लगी है। अपनी मांगों को लेकर नेपाल के काठमांडू (Kathmandu) में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों (Protesters) ने राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) लेकर सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन किया। देश भर में कई अलग-अलग संगठनों द्वारा बड़े पैमाने पर कई हफ्तों से प्रो-मोनार्क (Pro-Monarch) प्रदर्शन हो रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (Prime Minister KP Sharma Oli) की सरकार का विरोध करते हुए नेपाल को हिंदू राज्य घोषित करने के लिए 5 दिसंबर को पूर्व-संगठित रैली में सैकड़ों समर्थक राजशाही समर्थक सड़कों पर उतर आए थे। 5 दिसंबर की विशाल रैली में भाग लेने वालों ने हिंदू राजशाही के पक्ष में नारे लगाए और देश में संवैधानिक राजतंत्र को बहाल करने की मांग की। ऐसी में दावा भी किया गया कि देश की राष्ट्रीय एकता और लोगों की भलाई के लिए देश में संवैधानिक राजतंत्र को बहाल करना ज़रूरी है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल में संवैधानिक राजशाही की मांग को लेकर पिछले महीने में इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों का दौर देखा जा रहा है। वहीं पिछले महीने 10 नवंबर को, ‘नैशनलिस्ट सिविल सोसाइटी’ के बैनर के साथ एक समूह ने काठमांडू के जमाल में प्रदर्शन किया था और संवैधानिक राजशाही की बहाली और नेपाल को एक हिंदू राज्य घोषित करने की मांग की थी इसके दो दिन बाद, ‘नेपाल स्कॉलर काउंसिल’ नाम के एक समूह ने इसी मांगों को लेकर विराटनगर में एक प्रदर्शन किया था।

इस कड़ी में 19 नवंबर को फिर से ‘इंडिपेंडेंट नैशनलिस्ट सिटिज़न्स फार वेस्ट’ के बैनर के साथ एक ग्रुप ने धनगढ़ी में प्रदर्शन किया, जिसके बाद 25 नवंबर को नेपाल के जनकपुर में ‘वेस्टर्न नेपाली सिटिज़न्स’ और ‘नेपाल नैशनलिस्ट ग्रुप’ के बैनर्स के साथ पोखरा में विरोध प्रदर्शन हुआ। बता दें कि नेपाल में लगातार प्रदर्शनों का दौर बढ़ा है, 29 नवंबर को हेटुडा और 30 नवंबर को काठमांडू में भी विरोध प्रदर्शन हुए थे।