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Published: Dec 01, 2020 06:27 PM IST

नोबेल पुरस्कार विजेता कोरोना के दौरान महिलाओं के खिलाफ हिंसा और तस्करी की घटनाएं बढ़ीं: नादिया मुराद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
AFP

संयुक्त राष्ट्र: नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) से सम्मानित नादिया मुराद (Nadia Murad) ने कहा है कि कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण महिलाओं के खिलाफ हिंसा और तस्करी की घटनाएं (Violence Against Women and Trafficiking) बढ़ गयी हैं। इससे महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं भी पैदा हुई हैं।

इराक (Iraq) में इस्लामिक स्टेट (Islamic State) के लड़ाकों द्वारा जबरन यौन दासता में धकेली गयीं 27 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता (Human Rights Activist) ने कहा कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकारों ने कर्फ्यू, लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंध लगाए थे, जिसका दुनियाभर में महिलाओं को खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘मानव तस्करी, महिलाओं के खिलाफ हिंसा कम होने के बजाय महामारी के दौरान उनके खिलाफ बर्बरता और शोषण का जोखिम और बढ़ ही गया है।” उन्होंने कहा, ‘‘महामारी शुरू होने के बाद कई देशों से महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ने की खबरें सामने आने लगीं।”

मुराद ने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ गयी हैं। यहां तक कि कई महिलाओं की स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच भी बाधित हो गयी। इराक के अल्पसंख्यक यजीदी समुदाय से आने वालीं मुराद ऐसी उन हजारों महिलाओं और लड़कियों में शामिल हैं जिन्हें 2014 में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने जबरन यौन दासता में धकेल दिया था।

आईएस के लड़ाकों ने उनकी मां और छह भाइयों का कत्ल कर दिया था। आईएस के चंगुल से छूटने के बाद उन्होंने महिलाओं और लड़कियों के लिए काम करना शुरू किया और मानवाधिकार कार्यकर्ता बन गयीं। उन्होंने जर्मनी में शरण ली थी और 2018 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित हुईं। मुराद ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और मानव तस्करी के खिलाफ जंग के विषय पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक को संबोधित किया।