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Published: Jun 25, 2022 09:35 AM IST

Google Doodleजानें कौन है ऐनी फ्रैंक? जिसकी याद में Google Doodle ने बनाया स्लाइड शो

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Photo Credit- Google Doodle

जर्मनी : गूगल डूडल (Google Doodle) की मदद से अक्सर हमें कुछ ऐसे लोगों के बारे में जाननें को मिलता है। जो इतिहास (History) से जुड़े होते है और जिनका हमारे जीवन को बेहतरीन बनाने में खास योगदान होता है। गूगल डूडल के जरिए अपने अनोखे अंदाज में उनके खास मौके पर उन्हें याद करता है। आज के गूगल डूडल में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध यहूदी जर्मन-डच डायरिस्ट (Jewish German and Dutch diarist) और होलोकॉस्ट पीड़ित एक यंग गर्ल ‘ऐनी फ्रैंक’ को Google Doodle ने सम्मानित किया है। 

ऐनी फ्रैंक (Anne Frank) ‘द डायरी ऑफ़ ए यंग गर्ल’ (The Dairy of Young Girl) डायरी की लेखक हैं। जिसे 1947 में प्रकाशित किया गया था। जिसमें ऐनी फ्रैंक ने बहुत ही कम उम्र में अपने साथ हुई घटनाओं को इस डायरी में विस्तार से लिखी है। ये एक युद्ध कालीन डायरी है। जो यहूदियों के विध्वंस और प्रलय की कहानी हैं, और बेहद चौंकाने वाली बात तो ये है कि इसको पढ़कर आप बिल्कुल भी नहीं कह सकते कि ये डायरी किसी 13 से 15 साल के उम्र की बच्ची ने लिखा है। आज इनके डायरी के प्रकाशन की 75वीं वर्षगांठ गूगल डूडल पर एक वीडियो प्रेजेंटेशन दिखा रहा है और ऐनी फ्रैंक के डायरी के कुछ खास पन्नों को हमारे साथ शेयर किया है।  

गौरतलब है कि ऐनी फ्रैंक का जन्म 12 जून 1929 को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर में हुआ था। और वह एक यहुदी थी। जब ये महज 4 साल की थी, उसी समय जर्मन पर नाजियों का नियंत्रण हो गया। बढ़ती नाजी पार्टी के द्वारा किए जा रहे भेदभाव और हिंसा सेलाखों से लोग परेशान हो चुके थे। उससे बचने के लिए ऐनी फ्रैंक का परिवार जल्द ही एम्स्टर्डम, नीदरलैंड चला गया और वहां कुछ समय व्यतीत करने के बाद जब ऐनी फ्रैंक 10 साल की थी। उसी दौरान द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ और इसके तुरंत बाद, जर्मनी ने नीदरलैंड पर आक्रमण किया।

इस दौरान नाजी शासन द्वारा यहूदी लोगों को विशेष रूप से टारगेट किया गया था। 4 अगस्त, 1944 ऐनी फ्रैंक परिवार सहित ऐनी फ्रैंक को नाज़ी सीक्रेट सर्विस द्वारा अरेस्ट कर लिया गया। जिसके बाद उन्हें निरोध केंद्र ले जाया गया। वहां पर उनको मजदूरी और कड़ी मेहनत जैसे बहुत सी तकलीफ का सामना करना पड़ा। इस केंद्र में अस्वछता के कारण वहां कई घातक बीमारियां पल रही थी। जिसकी वजह से ऐनी फ्रैंक ने महज 15 साल की उम्र में ही अपना दम तोड़ दी। ऐनी फ्रैंक के निधन के बाद उनकी डायरी छपी और वो पूरी दुनिया में मशहूर हो गई। गूगल ने कई स्लाइड के जरिए ऐनी फ्रैंक के डायरी के कुछ अंशों को दिखाया है। ऐनी फ्रैंक द्वारा लिखी डायरी आज भी पूरी दुनिया में पढ़ी जाती है