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Published: Dec 19, 2020 05:02 PM IST

तहव्वुर राणा प्रत्यर्पणमुंबई हमलों में भगोड़ा घोषित तहव्वुर राणा के प्रत्यपर्ण पर अप्रैल में आ सकता है फैसला, हो चुकी है ज़मानत याचिका ख़ारिज  

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वाशिंगटन: अमेरिका (America) की एक अदालत (Court) ने पाकिस्तानी मूल (Pakistan Origin) के कनाडाई (Canadian) कारोबारी और 2008 में मुंबई हमले (Mumbai Attacks) के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) का प्रत्यर्पण (Extradition) भारत (India) में किए जाने संबंधी मामले की सुनवाई 22 अप्रैल तक चलने की बात कही है।

भारत राणा (59) को भगोड़ा करार दे चुका है। भारत में उस पर मुंबई हमलों के संबंध में आपराधिक मामले चल रहे हैं। मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से छह अमेरिकी नागरिक थे। राणा के प्रत्यर्पण के लिये भारत के अनुरोध के बाद 10 जून को लॉस एंजिलिस में उसे फिर से गिरफ्तार किया गया था।

लॉस एंजिलिस (Los Angeles) की जिला अदालत के मजिस्ट्रेट जज (Magistrate Judge) जैकलिन चूलजियान  ने 17 दिसंबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘इस मामले में प्रत्यर्पण के संबंध में सुनवाई 22 अप्रैल 2021 को डेढ़ बजे तक जारी रहेगी।” राणा पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी और लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली (David Coleman Headley) (60) का बचपन का दोस्त है।

हेडली 2008 के मुंबई आंतकवादी हमले की साजिश रचने में शामिल था। वह सरकारी गवाह बन गया तथा हमले में अपनी भूमिका की वजह से अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है। जज चूलजियान ने कहा कि राणा प्रत्यर्पण के खिलाफ एक फरवरी तक ही याचिका दाखिल करेगा। अमेरिकी सरकार राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का समर्थन कर रही है और उसके पास जवाब देने के लिए 22 मार्च तक का समय है।

जज ने 10 दिसंबर को राणा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि राणा ने ‘अच्छा जमानत पैकेज’ पेश किया और देश से भागने के खतरे को उल्लेखनीय रूप से कम करने वाली शर्तों को गिनवाया लेकिन अदालत का यह मानना है कि उसने भागने के खतरे की शंका को दूर नहीं किया है।