इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) की राजनीति (Politics) और चुनावों (Elections) में शक्तिशाली सेना (Army) के हस्तक्षेप के विपक्ष (Opposition) के आरोपों (Allegations) के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) ने कहा कि सेना एक सरकारी संस्था है जो उनके अधीन काम करती है।
पाकिस्तान में 11 विपक्षी दलों का गठबंधन ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट’ (Pakistan Democratic Movement) (पीडीएम) सितंबर में अपने गठन के बाद से खान के खिलाफ बड़ी रैलियां (Rally) आयोजित कर रहा है और राजनीति में सेना के दखल का भी आरोप लगा रहा है।
पीडीएम पाकिस्तान की सेना पर 2018 में चुनाव में धांधली के माध्यम से ‘कठपुतली’ प्रधानमंत्री बनाने का आरोप लगाता रहा है। पाकिस्तान में लंबे समय तक शासन करने वाली सेना का सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में प्रभाव रहा है। हालांकि सेना ने देश की राजनीति में दखल की बात से इनकार किया है। खान ने भी इस बात से इनकार किया है कि सेना ने 2018 के चुनाव में उन्हें जिताने में मदद की।
विपक्षी दलों ने सोमवार को ‘लाहौर घोषणापत्र’ पर हस्ताक्षर किये, जिसके अनुसार सैन्य तंत्र ने 2018 के चुनाव में जनादेश को प्रभावित किया और जनता पर एक ‘अक्षम’ सरकार को लाकर बैठा दिया। खान (68) ने शुक्रवार को एक टेलीविजन चैनल को दिये साक्षात्कार में इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उनके पास वास्तविक अधिकार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना एक सरकारी संस्था है जो उनके अधीन काम करती है।