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Published: Dec 02, 2021 06:24 PM ISTWorld Disability Day 2021इसलिए मनाया जाता है 'विश्व दिव्यांग दिवस' जानें इतिहास और इसका महत्व
-सीमा कुमारी
हर साल 3 दिसंबर को समूची दुनिया में ‘विश्व दिव्यांग दिवस’ (World Disability Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद है- दिव्यागों के प्रति लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना।
हर साल इस दिन दिव्यांगों के विकास, उनके कल्याण के लिए योजनाओं, समाज में उन्हें बराबरी के अवसर मुहैया करने पर गहन विचार विमर्श किया जाता है।
हर वर्ष दुनिया के तमाम देशों में 3 दिसंबर को दिव्यांगों के उत्थान, उनके स्वास्थ्य व सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
दिव्यांगता को समाज में आज भी एक कलंक के तौर पर देखा जाता है। यह दिवस ऐसे में लोगों में दिव्यांगता मामले की समझ बढ़ाने, दिव्यांगजनों के सामाजिक सम्मान की स्थापना, उनके अधिकारों एवं कल्याण पर ध्यान केंद्रित कराने के उद्देश्यों हेतु बहुत ही अहम है।
विश्व दिव्यांग दिवस का इतिहास (History of World Disability Day)
संयुक्त राष्ट्र आम सभा (UNO) ने 1981 को ‘दिव्यांग व्यक्तियों का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष’ घोषित किया था। इसके बाद राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांग लोगों के लिए पुनरुद्धार, रोकथाम, प्रचार और बराबरी के मौकों पर जोर देने के लिए एक योजना का निर्माण किया गया।
दिव्यांग व्यक्तियों के अंतरराष्ट्रीय उत्सव के लिए ”पूर्ण सहभागिता और समानता” की थीम का चुनाव किया गया था। इस थीम के तहत समाज में दिव्यांगों को बराबरी के अवसर, उनके अधिकारों के बारे में लोगों को जागरुक करने और सामान्य नागरिकों की तरह उनकी सेहत पर भी ध्यान देने के साथ सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने आदि पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ ने 1983 से 1992 को दिव्यांगों के लिए संयुक्त राष्ट्र के दशक की घोषणा की थी ताकि वो सरकार और संगठनों को विश्व कार्यक्रम में अनुशंसित गतिविधियों को लागू करने के लिए एक लक्ष्य प्रदान कर सकें। इसके बाद 1992 से 3 दिसंबर, विश्व दिव्यांग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
विश्व विकलांग दिवस का महत्व
‘विश्व विकलांग दिवस’ का महत्व तब बढ़ जाता है, जब बात विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की आती है। यही एक ऐसा दिन होता है, जब विकलांग व्यक्तियों के कल्याण की बातें की जाती हैं। समाज में हो रही उपेक्षा और उन्हें हीन भावना से देखे जाने वाली बातों पर अंकुश लगाने के लिए यह दिन ख़ास अहमियत रखता है।
कला प्रदर्शनी, चित्रों आदि की गैलरी से इस दिन को मनाया जा सकता है। विकलांग व्यक्तियों को सम्मान देते हुए कार्यक्रमों का आयोजन कर उन्हें समाज में एक बराबर वर्ग बताते हुए जागरूकता फैलाई जा सकती है। विकलांग व्यक्तियों के कामों की तारीफ करते हुए उन्हें पुरस्कृत करने से इस दिन की अहमियत और ज्यादा बढ़ जाती है।